प्र. हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में जीत 2024 के आम चुनाव के लिए भाजपा की योजना के लिहाज से कितनी अहम है?
जे.पी. नड्डाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि पूरे देश में भरोसेमंद नेता की बन चुकी है. उन्होंने 'मोदी की गारंटी' के जरिए समाज के हर वर्ग- आम आदमी, महिलाओं, किसानों और वंचितों-का ख्याल रखा है. देशभर में आम आदमी को लगता है कि देश उनके सक्षम हाथों में सुरक्षित है. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकारें भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, बिगड़ती कानून व्यवस्था और युवाओं से झूठे वादों के कारण सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही थीं. पहले लाल डायरी कांड था, तो बाद में महादेव ऐप का विवाद सामने आया. दोनों राज्यों में पेपर लीक हुए. युवा नाराज थे, किसान ठगा हुआ महसूस कर रहे थे. लेकिन मध्य प्रदेश में निरंतर विकास और युवा और महिला सशक्तीकरण के कारण प्रो-इनकंबेंसी थी. किसानों और दूसरे लोगों की क्रय शक्ति में वृद्धि हुई थी. मध्य प्रदेश में केंद्र सरकार की योजनाएं सुपर-सैचुरेशन स्टेज पर पहुंच गईं, जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वहां की सरकारों ने केंद्रीय विकास कार्यक्रमों को लागू करने से इनकार कर दिया था. भाजपा पार्टी संगठन सकारात्मकता के साथ-साथ सत्ता विरोधी लहर को वोटों में बदलने की स्थिति में था.
भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दमदार सांसदों को मैदान में उतारने की अलग-सी रणनीति पर काम किया. क्या थी रणनीति?
यह समय की मांग थी. किसी की कहीं जरूरत है तो उसे वहां जाना पड़ता है. मध्य प्रदेश में ऐसी कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं थी. लेकिन हमने शुरू से ही नया नेतृत्व लाने के बारे में सोचा. यह एक सतत प्रक्रिया है. यह शिवराज जी या किसी दूसरे नेता के खिलाफ नहीं था. हमारी रणनीति से कांग्रेस बौखला गई. हम
हमेशा अपने विरोधियों को चौंकाने और उन्हें बैकफुट पर धकेलने की कोशिश करते हैं. यह नीति काम कर गई.
क्या राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के रूप में तीन नए चेहरों को लाना भी उसी रणनीति का हिस्सा था, जबकि आपके पास तीनों राज्यों में दिग्गज नेता थे?
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