हमने 2023 में एआइ की क्षमताओं को परखा और जाना कि यह हम सबके लिए किस हद तक कारगर हो सकता है. हम एक व्यापक बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं क्योंकि नई पीढ़ी की एआइ कंप्यूटिंग के हर क्षेत्र को बड़े पैमाने पर बदलने जा रही है. यह महज तकनीकी प्रगति भर नहीं, बल्कि एक सामाजिक बदलाव है. यह हमें ऐसे भविष्य की ओर ले जा रहा है, जिसमें नवाचार ही सबसे ज्यादा मायने रखेगा. बीते कुछ महीनों में हमने यह महसूस भी किया कि एआइ से जीवनस्तर में कितना ज्यादा सुधार आया है. जीपीटी-4 जैसे बुनियादी मॉडल लोगों की आम जीवनचर्चा के सह-चालक बनकर सर्च को रिसर्च के एक अधिक सशक्त टूल में बदल रहे और लोगों की उत्पादकता सुधार रहे हैं. मसलन, अपने 13 वर्षीय बच्चे के अलजब्रा होमवर्क में सिर धुनने वाले अभिभावकों के लिए एआइ-आधारित हेल्प टूल किसी बेहतरीन ट्यूटर से कम नहीं.
माना यही जा रहा है कि एआइ की वास्तविक क्षमता दुनिया की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों का प्रभावी समाधान ढूंढने में निहित हैं. एआइ विभिन्न राष्ट्रों और हर तरह के सामाजिक समुदायों के बीच लोकतांत्रिक तरीके से प्रौद्योगिकी को सुलभ बनाने और व्यापक प्रभाव उत्पन्न करने का एक अवसर है. साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, खाद्य सुरक्षा और सतत विकास जैसी कुछ सबसे गंभीर चुनौतियों का समाधान निकालने में भी मददगार साबित हो सकता है.
This story is from the January 17, 2024 edition of India Today Hindi.
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