पिछले 'चुनावी वादे पूरे नहीं करने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ प्रतिरोध, पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह और लद्दाख की खंडित राजनीति के कारण लद्दाख में 2024 का आम चुनाव चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. विपक्ष के इंडिया खेमे में भी मतभेद खुलकर जाहिर हो रहे हैं. इस सीट से भाजपा के ताशी ग्यालसन, कांग्रेस के शेरिंग नामग्याल और राष्ट्रवादी कांग्रेस के हाजी हनीफा जान निर्दलीय चुनावी ताल ठोंक रहे हैं.
तकरीबन 1,82,571 मतदाताओं वाले लद्दाख में 20 मई को मतदान होना है. पिछले दो लोकसभा चुनावों में यहां से जीत हासिल करने वाली भाजपा ने इस सीट से इस बार 57 वर्षीय वकील ग्यालसन को खड़ा किया है. हालांकि पार्टी के सामने न केवल अंतर्कलह बल्कि सत्ता विरोधी रुझान, दोनों से निबटने की चुनौतियां हैं. ग्यालसन की उम्मीदवारी की घोषणा होने के तुरंत बाद ही इस सीट से भाजपा के निवर्तमान सांसद जामियांग शेरिंग नामग्याल ने अपने को नजरअंदाज किए जाने पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर कर दी थी. मौजूदा सांसद ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने की धमकी दी थी, लेकिन पिछले सप्ताह उन्होंने अपने तेवर ढीले कर लिए और ग्यालसन के पक्ष में चुनाव प्रचार करते नजर आए.
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परदेस में परचम
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ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
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