उनके शौहर दिल्ली में प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं. यह सोचकर वे दिल्ली आई थीं कि बकरीद का त्योहार परिवार के साथ मनाना है. 14 जून की रात में एनटीए ने 18 जून की नेट परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी किया. उनका परीक्षा केंद्र पटना में था. ट्रेन का टिकट कन्फर्म न होने पर बर्थ शेयर करके ठीक बकरीद वाले दिन वे रवाना हुईं और 18 जून की सुबह पटना पहुंचीं. परीक्षा देकर शाम को फ्लाइट से दिल्ली लौटीं. पचीसेक हजार रुपए खर्च हुए पर उन्हें परीक्षा हो जाने का सुकून था. पर 24 घंटे के अंदर ही नेट की परीक्षा रद्द होने की खबर आ गई. वे कहती हैं, "मुझे लगा कि इस पूरी व्यवस्था ने मुझ जैसे लाखों अभ्यर्थियों की मेहनत पर पानी फेर दिया. मेरे जैसे लाखों छात्र परेशानियां उठाकर तैयारी करते हैं और परीक्षा देने जाते हैं."
कुछ ऐसी ही कहानी नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से पीएचडी कर रही शिवांगी सिंह की भी है. सेमेस्टर ब्रेक होने की वजह से वे परिवार के पास लखनऊ चली गई थीं. 15 जून की सुबह एडमिट कार्ड का पता चला. उनका सेंटर दिल्ली के बहुत रिमोट क्षेत्र में था. किसी तरह बस से वे दिल्ली आईं. 18 जून को मेट्रो और ऑटो बदलते हुए सुबह सात बजे परीक्षा केंद्र पहुंचकर पेपर दिया. अब वे कहती हैं: "सारी मेहनत व्यर्थ हो गई. ऐसा लगता है, सबका भरोसा टूट गया है."
This story is from the July 17, 2024 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the July 17, 2024 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.