पूरा प्रदेश तलाश रहा जमीन के कागजात
India Today Hindi|16th October, 2024
रिकॉर्ड को अपडेट करने और जमीन के झगड़े खत्म करने के मकसद से किया जा रहा विशेष भूमि सर्वेक्षण सरकार और रैयत दोनों के लिए बन रहा मुसीबत. सरकार ने जनता से उसकी जमीन के दस्तावेज मांग लिए हैं, जबकि उसके पास खुद के दस्तावेज या तो मौजूद नहीं या फिर उनकी हालत खस्ता
पुष्‍यमित्र
पूरा प्रदेश तलाश रहा जमीन के कागजात

असम के गुवाहाटी में पटाखों और माचिस का कारोबार करने वाले राम विनोद कुमर का रिश्ता बिहार के दरभंगा में अपने पैतृक गांव कन्है से कम ही रहता था. कोई जरूरी काम सिर पर आ जाता तभी वे दो-तीन दिन के लिए गांव आते. मगर इस साल 23 अगस्त को जब वे अपने गांव आए हैं, तब से उनका गांव उन्हें छोड़ ही नहीं रहा. दरअसल, बिहार सरकार ने जब से बिहार विशेष भू-सर्वेक्षण के तहत भूस्वामियों से जमीन के कागजात और वंशावली जमा करने के लिए कहा है, तब से उनकी दुनिया ही बदल गई है. अपनी जमीन के कागजात जुटाने वे कभी रिकॉर्ड रूम जा रहे, तो कभी राज दरभंगा के दफ्तर, कभी सर्वेयर के कैंप कार्यालय तो कभी अमीन से सलाह ले रहे. दीवाली सिर पर है, मगर इस साल कौन से पटाखे बेचे जाएंगे, उन्हें इसका होश नहीं है.

अपनी व्यथा बताते हुए 53 साल के कुमर कहते हैं, "दरअसल मेरे दादा और मेरे पिता को जमीन-जायदाद के मामले में रुचि नहीं थी, जबकि हमारे पास अच्छी खासी पुश्तैनी जमीन थी. अब जब सरकार ने हमसे जमीन के कागजात मांगे तो मुझे पता ही नहीं था कि हमारे पास कहां-कहां कितनी जमीन है, और उसके कागजात कहां हैं. बीते एक महीने से दौड़ रहा हूं. पता चला कि नए सर्वे के बाद हमारे परदादा के पास 50 एकड़ जमीन बची थी, जिसमें अभी तक सिर्फ 23-24 एकड़ जमीन के कागजात मिले हैं." तिस पर रिश्वतखोरी से भी वे हलकान हैं. कुमर के ही शब्दों में, "हर जगह पैसों की भारी मांग है. राज दरभंगा ने हमारे परिवार को कुछ जमीन बंदोबस्त की दी थी. उनके स्टाफ के लोग कागज उपलब्ध कराने के बदले 40,000-50,000 रुपए मांग रहे हैं. रिकॉर्ड रूम में जो कागज हैं, उसके लिए 10,000-15,000 रुपए की मांग की जा रही है. हम लोगों ने अलग से एक प्राइवेट अमीन रख रखा है, जो इस मामले को देख रहा है. इसके बाद भी मसला सुलझा नहीं है. अभी न जाने कितना टाइम और लगेगा."

Denne historien er fra 16th October, 2024-utgaven av India Today Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra 16th October, 2024-utgaven av India Today Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA INDIA TODAY HINDISe alt
पिता की याद सताती है
India Today Hindi

पिता की याद सताती है

अशोक नाग की किताब रे ऑन रे में महान हस्ती और अपने पिता सत्यजित रे के कई अनजान पहलुओं को सामने लाए फिल्मकार संदीप रे

time-read
1 min  |
16th October, 2024
खेत-खलिहान के म्यूजिकल खलीफा
India Today Hindi

खेत-खलिहान के म्यूजिकल खलीफा

रीमा दास की फिल्म विलेज रॉकस्टार्स की सीक्वल बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर के लिए तैयार

time-read
2 mins  |
16th October, 2024
पहले से सिंपल और अब हल्की भी
India Today Hindi

पहले से सिंपल और अब हल्की भी

नई आर 1300 जीएस सादगी के मामले में डिजाइन इंजीनियर कॉलिन चैपमैन की सोच को सड़क पर लाने वाली. इसने जीएस ब्रांड को चलाना ज्यादा आरामदेह और आसान बनाया

time-read
2 mins  |
16th October, 2024
मर्सिडीज की ईक्यूए
India Today Hindi

मर्सिडीज की ईक्यूए

मर्सिडीज बेंज ईक्यूए भारत में आ गई है और मूलतः यह इलेक्ट्रिक इंजन वाली जीएलए ही है

time-read
2 mins  |
16th October, 2024
परिवार के माकूल
India Today Hindi

परिवार के माकूल

महिंद्रा ने थार के डीएनए को बरकरार रखते हुए इसे कुछ ज्यादा लग्जरी शानदार और व्यावहारिक बनाने की कोशिश की है. क्या यह कामयाब है?

time-read
4 mins  |
16th October, 2024
ईवी के बारे में जानने लायक पांच बातें
India Today Hindi

ईवी के बारे में जानने लायक पांच बातें

इलेक्ट्रिक वाहन को उतना बार-बार चार्ज नहीं करना पड़ता जितना मान लिया गया है, ये सभी भूभागों के लिए सुरक्षित हैं और कम लागत व पर्यावरण के फायदों की वजह से परिवार की प्राथमिक कार होनी चाहिए

time-read
3 mins  |
16th October, 2024
अब हॉस्टल तबेले में तब्दील होने की नौबत
India Today Hindi

अब हॉस्टल तबेले में तब्दील होने की नौबत

कोचिंग का मक्का बने शहर में बदलने लगा हवा का रुख. ढाई लाख सालाना के मुकाबले इस साल आधे छात्र ही आए. भारी निवेश कर चुके हॉस्टल संचालकों ने पकड़ा माथा

time-read
5 mins  |
16th October, 2024
बात करने वाले यंत्र बने मौत के औजार
India Today Hindi

बात करने वाले यंत्र बने मौत के औजार

हिजबुल्ला को निशाना बनाने के लिए जिस सधे अंदाज में पेजर हमले किए गए, उससे भयावह साइबर काइनेटिक जंग का अंदेशा बढ़ गया है. इसमें बड़े पैमाने पर संचार तकनीक को भौतिक विनाश साधन बनाया जा सकता है. भारत के लिए खतरा बड़ा है क्योंकि इसकी ज्यादातर कनेक्टेड डिवाइसेज चीन में या दूसरे देशों में बने उपकरणों पर निर्भर

time-read
5 mins  |
16th October, 2024
पूरा प्रदेश तलाश रहा जमीन के कागजात
India Today Hindi

पूरा प्रदेश तलाश रहा जमीन के कागजात

रिकॉर्ड को अपडेट करने और जमीन के झगड़े खत्म करने के मकसद से किया जा रहा विशेष भूमि सर्वेक्षण सरकार और रैयत दोनों के लिए बन रहा मुसीबत. सरकार ने जनता से उसकी जमीन के दस्तावेज मांग लिए हैं, जबकि उसके पास खुद के दस्तावेज या तो मौजूद नहीं या फिर उनकी हालत खस्ता

time-read
10+ mins  |
16th October, 2024
विवादों के बुखार से बेहाल
India Today Hindi

विवादों के बुखार से बेहाल

इस प्रतिष्ठित चिकित्सा केंद्र में नौ महीनों के भीतर हटाए गए दो निदेशक उद्घाटन के 33 महीने बाद भी नहीं शुरु हो पाईं सुपरस्पेशिएलिटी सेवाएं

time-read
8 mins  |
16th October, 2024