
थीं कितनी दुश्वारियां
पश्चिम बंगाल में अभी कुछ समय पहले तक ड्राइविंग लाइसेंस पाना लोगों के लिए एक बेहद निराशाजनक अनुभव होता था. राज्य के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) नौकरशाही सुस्ती के पर्याय बने हुए थे, जहां कामकाज की पूरी व्यवस्था बेहद थकाऊ थी और सुविधा नाम की कोई चीज नहीं थी. आवेदकों के लिए ऐसी अव्यवस्थित प्रणाली में कदम रखना किसी भूलभुलैया में घुसने जैसा ही था, जहां दलालों का बोलबाला था. दलाली से फलने-फूलने वाले ये बिचौलिए कतारों से बचाने और आवेदन आगे बढ़ाने के बदले अच्छी-खासी रकम ऐंठते थे. यही नहीं, पैसे लेकर ड्राइविंग टेस्ट भी आसानी से करा देते थे. ड्राइविंग लाइसेंस का पुराना फॉर्मेट इस समस्या को और बढ़ाने वाला था. कागज पर जारी होने वाले लाइसेंस के अक्सर खराब होने या खोने की खासी संभावना रहती थी, और ऐसी स्थिति में आवेदकों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे.
यूं आसान हुआ जीवन
Dit verhaal komt uit de February 05, 2025 editie van India Today Hindi.
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ऐशो-आराम की उभरती दुनिया
भारत का लग्जरी बाजार 17 अरब डॉलर (1.48 लाख करोड़ रुपए) का है जिसकी सालाना वृद्धि दर 30 फीसद है.

भारत की प्राचीन बौद्धिक ताकत
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में इस सत्र का बेसब्री का इंतजार किया जा रहा था और विलियम डेलरिम्पिल ने निराश भी नहीं किया.

असीम आकाश का सूरज
गए साल गर्मियों में सूर्यकुमार यादव ने बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल मैदान की सीमारेखा पर ऐसा करतब दिखाया जिसने फतह और मायूसी के बीच की बारीक-सी लकीर को बेध दिया.

मौन क्रांति की नींव
भारत लगातार आगे बढ़ रहा है लेकिन यह यात्रा देश के दूरदराज इलाकों बन रहे बुनियादे ढांचे के बिना मुमकिन नहीं हो सकती.

सबके लिए एआइ
टोबी वाल्श आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) को समझाने के लिए जिसे मिसाल बनाना पसंद करते हैं, वह है बिजली. यह सब जगह है, दूरदराज के कोनों में भी.

उथल-पुथल के दौर में व्यापार
बराबरी का टैरिफ लगाने की तलवार सिर पर लटकी होने से भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को पक्का करने में कोई वक्त नहीं गंवाया, जिसका लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 200 अरब डॉलर (17.4 लाख करोड़ रुपए) से बढ़ाकर दशक के अंत तक 500 अरब डॉलर (43.6 लाख करोड़ रुपए) तक ले जाने का है.

चर्बी से यूं जीतें जंग
चिकित्सा अनुसंधानों से लगातार पता चल रहा है कि मोटापा केवल खूबसूरती का मसला नहीं.

रोबॉट के रास्ते आ रही क्रांति
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव एआइ की शक्ति से संचालित मानवाकार रोबॉट-स्पेसियो-और गार्डियो नाम के साइबर हाउंड्स के लाइव प्रदर्शन का गवाह बना.

देखभाल और विकल्प के बीच संतुलन की दरकार
हाल के सालों में सरगर्म बहस होती रही है कि स्वास्थ्य सेवाओं का ध्यान जिंदगियां बचाने पर होना चाहिए या जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने पर.

रूस की पाती
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में कहा कि रूस यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में नई दिल्ली के कूटनीतिक संतुलन की सराहना करता है.