बीते अक्टू्बर में जॉर्जिया स्थित क्लार्कस्टन के एक मंच से कमला देवी हैरिस जब बुलंद आवाज में बोल रही थीं, उनके समर्थकों ने नारा लगाया, ‘‘जीत हमारी है।’’ अपनी परिचित मुस्कान के साथ हैरिस ने जवाब दिया, ‘‘या, जैसा कि एक पूर्व राष्ट्रपति कहते हैं, यस, वी कैन।’’ और उनके समर्थकों ने समवेत स्वर में नारा लगाया, ‘‘यस, वी कैन।’’ हैरिस कई मायनों में पहली हैं- कैलिफोर्निया की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी चुनी जाने वाली पहली काली महिला, राज्य की पहली महिला अटॉर्नी जनरल और एशियाई मूल की पहली अमेरिकी सीनेटर। फिलहाल, मौजूदा उपराष्ट्रपति और भावी राष्ट्रपति की दौड़ में आधिकारिक प्रत्याशी के बतौर उनके ऊपर दो विरासतों का बोझ है। एक, पहली काली महिला और दूसरा, पहली दक्षिण एशियाई महिला होने का बोझ। उनकी यह पहचान बहुआयामी है जिससे कई लोग खुद को करीब पाते हैं, तो कई लोगों की उनके ऊपर सख्त नजर भी है। उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा और वैचारिक सफर के चलते उनकी निजी शख्सियत बहुत जटिल है। वे खुद को वाम और दक्षिण दोनों खेमों के समर्थकों और आलोचकों की मांगों के बीच फंसा हुआ पाती हैं। इन जटिलताओं को समझे बगैर हैरिस को नहीं समझा जा सकता।
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