PrøvGOLD- Free

असाध्य बीमारियां टोटके नहीं ट्रीटमैंट है कारगर

Sarita|January First 2023
आयुर्वेद की प्राचीन पद्धति के जानकार घरघर में हैं और सोशल मीडिया की मेहरबानी से इन की संख्या दिन दोगुनी रात चौगुनी बढ़ रही है. इस के चलते कई छोटीबड़ी बीमारियों में रोगी प्राथमिकता में आयुर्वेद को रखता है जिस कारण उसे लेने के देने पड़ जाते हैं.
- भारत भूषण श्रीवास्तव
असाध्य बीमारियां टोटके नहीं ट्रीटमैंट है कारगर

कैंसर कैसी और कितनी जानलेवा बीमारी है, यह तो कोई भुक्तभोगी या उस के परिवारजन ही बता सकते हैं. कैंसर से होने वाली मौतों का आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में दुनियाभर में कैंसर से लगभग 96 लाख मौतें हुई थीं इन में से करीब 8 लाख भारतीय थे. जर्नल ऑफ ग्लोबल औंकोलौजी की 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कैंसर से मरने वालों की दर विकसित देशों के मुकाबले लगभग दोगुनी है. आंकड़ा चिंतित करने वाला है कि भारत में 10 कैंसर मरीजों में से 7 की मौत हो जाती है.

इस हालत की घोषित वजहों में से एक अहम यह है कि हमारे यहां प्रति 2 हजार मरीजों पर एक कैंसर स्पैशलिस्ट यानी औंकोलोजिस्ट है जबकि अमेरिका जैसे विकसित देशों में प्रति हजार कैंसर मरीजों पर एक डाक्टर है जिस से मौतों का आंकड़ा वहां कम है. ऐसा हर कोई मानता है कि अगर शुरुआती स्टेज में कैंसर की पहचान हो जाए तो एलोपैथी में उस का इलाज मुमकिन है लेकिन हमारे यहां आयुर्वेदाचार्यों, नीमहकीमों, जड़ीबूटियों, सिद्धमहात्माओं और सिद्धस्थलों की भरमार है जो घंटों में इस असाध्य बीमा से छुटकारा दिलाने का इतना आत्मविश्वास से दावा करते हैं कि जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा मरीज और उस के परिजन झांसे में आ कर अपना कीमती वक्त व पैसा बरबाद करने को मजबूर हो ही जाते हैं.

कैंसर मौत का दूसरा नाम है, यह मिथक हालांकि धीरेधीरे टूट रहा है। लेकिन बिलाशक इस का इलाज इतना महंगा और तकलीफदेह है कि लोग सस्ते और दर्दरहित इलाज के झांसे में आ कर मुसीबत मोल लेते हुए मौत को दावत दे ही देते हैं. इस प्रतिनिधि के एक नजदीकी रिश्तेदार को मुंह का कैंसर हुआ तो वे और उन के परिजन घबरा उठे कि अब क्या करें. बात फैली तो कई शुभचिंतक दोस्त और रिश्तेदार घर आ कर पंचायत लगाने लगे.

जानलेवा इलाज

इन लोगों के पास तरहतरह के चमत्कारिक किस्से थे. कैंसर को शर्तिया ठीक कर देने वाले नीमहकीमों के नामपते थे. एक सज्जन तो मध्य प्रदेश के सतना के एक आयुर्वेदिक संस्थान, जो अपनेआप को रिसर्च सैंटर भी लिखता था, से दवाइयां ही ले आए.

Denne historien er fra January First 2023-utgaven av Sarita.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra January First 2023-utgaven av Sarita.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA SARITASe alt
शादी या बच्चे खुशी का पैमाना नहीं
Sarita

शादी या बच्चे खुशी का पैमाना नहीं

अब तुम्हारी उम्र हो गई है शादी की, उम्र निकल गई तो अच्छी लड़की या लड़का नहीं मिलेगा, एडजस्ट करना पड़ेगा, चौइस नहीं बचेगी आदिआदि. सिर्फ पेरैंट्स ही नहीं, सोसाइटी के लोग भी ये डायलौग्स बोलबोल कर शादी का प्रैशर बनाना शुरू कर देते हैं. क्या सच में शादी के बिना जीवन व्यर्थ है?

time-read
6 mins  |
March Second 2025
तीये की रस्म
Sarita

तीये की रस्म

सब मोहमाया है लेकिन मायारामजी ने माया जिंदगीभर छोड़ी ही नहीं. लेकिन मोक्षधाम में एंट्री से वंचित न रह जाएं, इस का इंतजाम जीतेजी जरूर करवा लिया था.

time-read
6 mins  |
March Second 2025
बच्चों के इंस्टा अकाउंट पर रहेगी नजर
Sarita

बच्चों के इंस्टा अकाउंट पर रहेगी नजर

मेटा ने भारत में इंस्टाग्राम किशोर अकाउंट नीतियों में बदलाव की घोषणा की है. नए नियमों के तहत बच्चों और किशोरों के लिए सुरक्षा उपाय बढ़ाए जाएंगे.

time-read
5 mins  |
March Second 2025
तार्किक लोगों के श्मशान घाट
Sarita

तार्किक लोगों के श्मशान घाट

कहने वाले गलत नहीं कहते कि मौत का खौफ आदमी को चैन और सुकून से जीने भी नहीं देता. कैसेकैसे होते हैं ये डर और कौन इन्हें फैलाता है, यह जानते समझते हुए भी लोग खामोश रहते हैं.

time-read
9 mins  |
March Second 2025
क्या छोटे दलों को लील जाएगी भाजपा
Sarita

क्या छोटे दलों को लील जाएगी भाजपा

बड़ी मछली मछली मछली को खा जाती है..छोटी राजनीति में भी बड़े दल पहले छोटे दलों को लोलीपोप देते हैं, फिर उन को खत्म कर देते हैं. भाजपा अब बड़ी मछली बन कर छोटे दलों को खा रही है.

time-read
10+ mins  |
March Second 2025
फ्लैट कल्चर और आप की प्राइवेसी
Sarita

फ्लैट कल्चर और आप की प्राइवेसी

बढ़ती जनसंख्या ने जगह तंग कर दी है. अब लोग आगेपीछे, दाएंबाएं फैलने की जगह ऊपर की तरफ बढ़ रहे हैं. कहने का अर्थ यह कि अब रहने के लिए घर नहीं बल्कि फ्लैट अधिक बन रहे हैं. ऊंचीऊंची बिल्डिंगों में कबूतरखाने हैं, जहां प्राइवेसी का नामोनिशान नहीं.

time-read
6 mins  |
March Second 2025
मुसलिम लड़कों की शादी में अड़चन क्यों
Sarita

मुसलिम लड़कों की शादी में अड़चन क्यों

20 साल पहले तक मुसलिम समाज में आपसी शादियों का प्रचलन जोरों पर था. गरीब हो या अमीर, मुसलमानों के बीच खून के रिश्तों में निकाह हो जाना आम बात थी. मगर अब यह चलन कम होता जा रहा है और मुसलिम शादियों में भी कई तरह की अड़चनें आने लगी हैं.

time-read
7 mins  |
March Second 2025
नींद की गोलियां इतनी भी नुकसानदेह नहीं
Sarita

नींद की गोलियां इतनी भी नुकसानदेह नहीं

आजकल हर कोई नींद न आने की समस्या से ग्रस्त और त्रस्त है जिस की अपनी अलग अलग वजहें भी हैं. लेकिन नींद की गोली से सभी बचने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं. इस के पीछे पूर्वाग्रह ही हैं नहीं तो नींद की गोली उतनी बुरी भी नहीं.

time-read
5 mins  |
March Second 2025
रोने को हथियार न बनाएं
Sarita

रोने को हथियार न बनाएं

कुछ लोगों के लिए रोना अपने इमोशन, दुख को एक्सप्रैस करने का एक जरिया होता है तो कुछ लोग जानबूझ कर रोते हैं ताकि सामने वाला उन्हें गंभीरता से सुने और उन की इच्छा पूरी हो.

time-read
5 mins  |
March Second 2025
पति भी पत्नी के खिलाफ कर सकता है शिकायत
Sarita

पति भी पत्नी के खिलाफ कर सकता है शिकायत

जिस तरह ससुराल से प्रताड़ित महिला को कानूनों से हक मिले हुए हैं वैसे ही पुरुष को भी मिले हैं. पति भी पत्नी की प्रताड़ना की शिकायत करा सकते हैं.

time-read
3 mins  |
March Second 2025

Vi bruker informasjonskapsler for å tilby og forbedre tjenestene våre. Ved å bruke nettstedet vårt samtykker du til informasjonskapsler. Finn ut mer