■ अगले पखवाड़े बाकू में होगा कॉप29
■ ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका इस सम्मेलन से बना सकता है दूरी, जलवायु कार्रवाई के लिए धन प्रवाह पर पड़ेगा असर
■ भारत ने भी अभी सम्मेलन में शिरकत करने की पुष्टि नहीं की है
वर्ष 2024 अभी तक का सबसे गर्म साल रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में सबकी नजरें अगले पखवाड़े बाकू में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (कॉप29) पर टिकी हैं। कॉप29 इसलिए भी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है कि यह वाटरशेड पेरिस कॉप21 और ग्लोबल नॉर्थ द्वारा किए गए नए फाइनैंसिंग वादों के बाद राष्ट्रीय स्तर पर संशोधित निर्धारित योगदान (एनडीसी) का गवाह बनेगा।
लेकिन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के इस सम्मेलन से किनारा करने की आशंका है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद अमेरिका इस सम्मेलन में शिरकत करने की अनिच्छा जता सकता है जिससे कॉप29 के मकसद पर पानी फिर सकता है।
This story is from the November 11, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
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वर्ष 2025 में निदेशक मंडलों का एजेंडा
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रुपये की विनिमय दर में स्थिरता अनिवार्य नहीं
रुपये में आई हालिया भारी गिरावट और देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई तेज कमी के कारण अब इस पर बहस शुरू हो गई है कि क्या विनिमय दर को स्थिर बनाए रखना जरूरी है और वांछनीय है।
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वर्ष 2023 में 6 साल के ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बाद पिछले साल कंपनियों ने पुनर्खरीद पेशकश पर कम रकम खर्च की। सरकार ने कर बोझ कंपनियों से निवेशकों पर डाल दिया। इस कारण इस खर्च में कमी आई। वर्ष 2024 में 48 कंपनियों ने 13,423 करोड़ रुपये के शेयर पुनः खरीदे। यह रकम 2023 में इतनी ही संख्या वाली कंपनियों की शेयर पुनर्खरीद राशि से कम है। तब उनकी राशि 48,079 करोड़ रुपये रही थी।