सफलता के लिए तिथि के अनुसार करें अपने कार्य
Jyotish Sagar|March 2024
सेना सम्बन्धी कार्य, मुकदमेबाजी जैसे अदालती कार्य निबटाना, वाहन खरीदना, कलात्मक कार्यों जैसे विद्या, गायन-वादन, नृत्य आदि के लिए विशेष शुभ होती हैं।
रजत सिंघल
सफलता के लिए तिथि के अनुसार करें अपने कार्य

पंचांग में तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण होते हैं, लेकिन तिथि उत्सव और व्रतों के लिए अधिक महत्त्वपूर्ण है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, तिथि का निर्धारण सूर्योदय से होता है और इसमें कमी अथवा बढ़ोतरी रात के समय में हो सकती है। अगर दो सूर्योदयों के बीच तीन तिथियों आ जाएँ, तो एक तिथि कम हो जाती है जबकि एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय तक एक ही तिथि रहती है, तो वह तिथि बढ़ती है। इन तिथियों का सीधा प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर होता है, जो व्रत और त्योहारों के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य और जीवन में सुधार कर सकता है।

तिथियाँ बढ़ती घटती क्यों हैं?

चन्द्रमा और सूर्य की गति में बहुत अन्तर होता है। जहाँ सूर्य 30 दिन में एक राशि चक्र पूरा करता है, वहीं चन्द्रमा को एक राशि को पार करने में सवा 2 दिन का समय लगता है।

सूर्य और चन्द्रमा एक साथ एक ही अंश पर होना 'अमावस्या' कहलाता है और सूर्य का चन्द्रमा से 180° पर होना ‘पूर्णिमा' कहलाता है। चन्द्रमा का सूर्य से 12° आगे निकल जाना एक तिथि का निर्माण करता है और इसी प्रकार प्रतिपदा, द्वितीया क्रमशः तिथियों का निर्माण होता जाता है। अब अगर हम बात करेंगे, तिथियों की घटने-बढ़ने की, तो यह पंचांग और सूर्योदय के समय अनुसार निर्धारित होता है। तिथि सूर्योदय से पहले शुरू हो गई है और अगले सूर्योदय के बाद तक रहती है, तो उस स्थिति को 'तिथि की वृद्धि' कहा जाता है।

This story is from the March 2024 edition of Jyotish Sagar.

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सात धामों में श्रेष्ठ है तीर्थराज गयाजी
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गया हिन्दुओं का पवित्र और प्रधान तीर्थ है। मान्यता है कि यहाँ श्रद्धा और पिण्डदान करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है, क्योंकि यह सात धामों में से एक धाम है। गया में सभी जगह तीर्थ विराजमान हैं।

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September 2024
सत्साहित्य के पुरोधा हनुमान प्रसाद पोद्दार
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प्रसिद्ध धार्मिक सचित्र पत्रिका ‘कल्याण’ एवं ‘गीताप्रेस, गोरखपुर के सत्साहित्य से शायद ही कोई हिन्दू अपरिचित होगा। इस सत्साहित्य के प्रचारप्रसार के मुख्य कर्ता-धर्ता थे श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार, जिन्हें 'भाई जी' के नाम से भी सम्बोधित किया जाता रहा है।

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September 2024
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अमृत गीत तुम रचो कलानिधि
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September 2024
सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना
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सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना

जो मनुष्य मेरे द्वारा स्थापित किए हुए इन रामेश्वर जी के दर्शन करेंगे, वे शरीर छोड़कर मेरे लोक को जाएँगे और जो गंगाजल लाकर इन पर चढ़ाएगा, वह मनुष्य तायुज्य मुक्ति पाएगा अर्थात् मेरे साथ एक हो जाएगा।

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September 2024
वागड़ की स्थापत्य कला में नृत्य-गणपति
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प्राचीन काल से ही भारतीय शिक्षा कर्म का क्षेत्र बहुत विस्तृत रहा है। भारतीय शिक्षा में कला की शिक्षा का अपना ही महत्त्व शुक्राचार्य के अनुसार ही कलाओं के भिन्न-भिन्न नाम ही नहीं, अपितु केवल लक्षण ही कहे जा सकते हैं, क्योंकि क्रिया के पार्थक्य से ही कलाओं में भेद होता है। जैसे नृत्य कला को हाव-भाव आदि के साथ ‘गति नृत्य' भी कहा जाता है। नृत्य कला में करण, अंगहार, विभाव, भाव एवं रसों की अभिव्यक्ति की जाती है।

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September 2024
व्यावसायिक वास्तु के अनुसार शोरूम और दूकानें कैसी होनी चाहिए?
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ऑफिस के एकदम कॉर्नर का दरवाजा हमेशा बिजनेस में नुकसान देता है। ऐसे ऑफिस में जो वर्कर काम करते हैं, तो उनको स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियाँ आती हैं।

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September 2024
श्रीगणेश नाम रहस्य
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हिन्दुओं के पंच परमेश्वर में भगवान् गणेश का स्थान प्रथम माना जाता है। शंकराचार्य जी ने के भी पंचायतन पूजा में गणेश पूजन विधान का उल्लेख किया है। गणेश से तात्पर्य गण + ईश अर्थात् गणों का ईश से है। भगवान् गणेश को कई अन्य नामों से भी पूजा जाता है जैसे विघ्न विनाशक, विनायक, लम्बोदर, सिद्धि विनायक आदि।

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September 2024
प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक 'श्रीराधा'
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September 2024
राजस्थान के लोकदेवता और समाज सुधारक बाबा रामदेव
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September 2024
जन्मपत्रिका में चन्द्रमा और मनुष्य का भावनात्मक जुड़ाव
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जिस प्रकार लग्न हमारा शरीर अर्थात् बाहरी व्यक्तित्व है, उसी प्रकार चन्द्रमा हमारा सूक्ष्म व्यक्तित्व है, जो किसी को भी दिखाई नहीं देता, लेकिन महसूस अवश्य होता है।

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September 2024