एक जानकार अपने बड़े बेटे को लेकर अक्सर चिंतित रहते हैं कि शादी के कई साल बीत जाने के बाद भी वह और उसकी पत्नी निसंतान हैं। जबकि छोटे बेटे का भरा-पूरा परिवार है और कुछ महीनों पहले ही उसकी पत्नी ने जुड़वा बच्चों को जन्म भी दिया है। इन जुड़वा बच्चों से पहले उनका एक बेटा भी है। जब से उन जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ है सभी रिश्तेदारों और दोस्त यही सलाह दे रहे हैं कि छोटा बेटा अगर चाहे तो अपने जुड़वा बच्चों में से एक बच्चा बड़े भाई को गोद दे सकता है। यह विचार सुनने में बहुत अच्छा लगता है लेकिन एक ही घर में रहकर क्या उस बच्चे के जैविक माता-पिता बच्चे से खुद को दूर रख पाएंगे ! से इन परिस्थितियों में जब आप अपने ही परिवार या किसी दोस्त के बच्चे को गोद लेते हैं तो न केवल बच्चा बल्कि बच्चे के जैविक माता-पिता और गोद लेने माता-पिता, दोनों ही मानसिक तनाव से गुजरते हैं। इस स्थिति में जब भी बच्चा गोद लें, विशेषकर अपने परिवार का बच्चा तो पहले स्वयं को मानसिक रूप से कर लें। आपके साथ परिवार और उस बच्चे के जैविक माता-पिता को भी इस तैयारी की आवश्यकता पड़ेगी। बच्चे को गोद देने का अर्थ यह है कि अब बच्चे के सामाजिक और व्यावहारिक विकास की जिम्मेदारी गोद लेने वाले दंपती की है, आपकी नहीं। जरूरत पड़ने पर आप उन्हें आर्थिक या सामाजिक मदद दे सकते हैं, बच्चे को प्यार-दुलार भी कर सकते हैं लेकिन उसके माता-पिता कहलाने का कानूनन अधिकार केवल गोद लेने वाले दंपती का है। ध्यान रहे कि जैविक माता-पिता बच्चे के भविष्य के प्रति लिए गए किसी भी निर्णय में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। हां, सलाह जरूर दे सकते हैं!
परिवार के बच्चे को गोद लेना आसान क्यों
Bu hikaye Grehlakshmi dergisinin May 2023 sayısından alınmıştır.
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