DASTAKTIMES - July 2022
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Dastak Times July Edition
जम्मू कश्मीर में जी 20 समिट मोदी का मास्टर स्ट्रोक
अभी जम्मू कश्मीर के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण आत्मनिर्धारण के अधिकार, आतंकवाद, आजाद कश्मीर जैसे मुद्दों को लेकर पाकिस्तान ने किया है और उसको समर्थन चीन द्वारा भी मिला है। इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्य देशों ने भी जम्मू कश्मीर की स्वायत्तता पर टिप्पणियां की हैं और भारत को यह नसीहत दी है कि वह जम्मू कश्मीर के साथ छेड़छाड़ न करें लेकिन भारत ने भी यह ठान लिया है कि वह जम्मू कश्मीर को आर्थिक विकास का हब बनाकर ही छोड़ेगा। यही कारण है कि भारत ने इससे पहले खाड़ी सहयोग संगठन के खाड़ी देशों को भी जम्मू कश्मीर में निवेश, व्यापार, वाणिज्य को बढ़ाने का निमंत्रण दिया
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भाजपा में जश्न विपक्ष में तकरार
भाजपा के लिए यह जश्न का बड़ा मौका है। फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत और मुख्यमंत्री की सरकार के कामकाज पर अब मुहर लग गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि उसकी बाहों में अब और भी ताकत आ जाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि यह चुनाव पार्टी के लिए एक अच्छा संदेश लेकर आए हैं। उनका दावा है कि अब लोकसभा की सभी 80 सीटों पर भाजपा की जीत तय है। मुख्यमंत्री की बात में थोड़ी अतिशयोक्ति हो सकती है लेकिन उपचुनावों में इतनी बड़ी जीत के बाद उनका दावा बहुत दूर की कौड़ी नहीं है।
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क्या भतीजे से अदावत ने खत्म कर दिया है
अब किसी मोर्चे व गठजोड़ की उम्मीद छोड़ते हुए शिवपाल यादव ने खुलेआम कहना शुरू कर दिया है कि सपा ने उनके साथ विश्वासघात किया। दिलचस्प यह कि हर तरफ से ठोकर खाने के बाद सपा विधायक शिवपाल यादव अब 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने व अपनी पार्टी को मजबूती देने की बात करने लगे हैं, लेकिन उनके लिए आगे की सियासी डगर आसान नहीं दिखाई दे रही है।
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धामी ने की सिस्टम में सुधार की प्रभावी पहल
मुख्यमंत्री धामी का मानना है कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि सरकार का मूल मंत्र है। सिस्टम इस प्रकार का होना चाहिए, जिससे जनता सरलतम तरीके से अपनी शिकायतों का समाधान करा सके। धामी सरकार ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में कार्रवाई करते हुए आठ अधिकारियों को जेल की हवा खिला चुकी है। एक आईएएस, दो आईएफएस और एक आरटीओ को सस्पेंड किया जा चुका है।
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पवार पस्त, ठाकरे ध्वस्त और फडणवीस मस्त
महाराष्ट्र राज्य में सत्ता पलट हो गया है, लेकिन पिछले दो सप्ताह के बीच इस प्रकार सत्ता पलट का खेल हुआ है कि वह एक इतिहास बन गया है। इस राजनीतिक खेल में ऐसी चाल चली गई कि कई लोग एक ही तीर से घायल हो गए। चाहे वह एनसीपी के शरद पवार हों या शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अथवा कांग्रेस की केन्द्रीय इकाई। इसके अलावा भाजपा के ही देवेंद्र फडणवीस भी ठिकाने लग गए हैं। किसने चाल चली थी सबको पता है और किसी को पता भी नहीं है।
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बगावत की असली वजह
शिवसेना में बगावत नई नहीं है लेकिन इतने बड़े पैमाने पर बगावत क्यों ? यह सवाल सभी के मन में खटक रहा है। इसमें मुख्य वजह केंद्र सरकार की एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय को बताया जा रहा है, जिसके डर से भ्रष्ट नेताओं ने शिवसेना से बगावत कर भाजपा के साथ जाने की जिद पर अडी है लेकिन इसके अलावा भी कई कारण हैं-
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परिवारवाद की राजनीति नफा कम नुकसान ज्यादा
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र मोह ने सेना को 'चौराहे पर खड़ा कर दिया है। उद्धव को अपना सियासी अस्तित्व बचाना मुश्किल हो गया है। उद्धव के पुत्र मोह के चलते उनके सबसे वफादार नेता एकनाथ शिंदे और करीब 38 अन्य विधायकों ने पार्टी से नाता तोड़कर न केवल अपना अलग गुट बना लिया, बल्कि उद्धव ठाकरे से सत्ता छीन कर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री भी बन गए हैं।
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सीमांचल को साधने की कोशिश
बिहार की राजनीति जातिगत खांचों में तो बंटी ही है, मुस्लिम तुष्टिकरण भी शामिल है। सीमांचल के चार जिले पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज हैं। यहां विधानसभा की 24 सीटें हैं। यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। किशनगंज क्षेत्र में राज्य में सबसे ज्यादा 67 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं। कटिहार में 38, अररिया में 32 व पूर्णिया में 30 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं। यही कारण है कि ओवैसी ने बीते विधानसभा चुनाव में यहां फोकस किया था। उनके पांच विधायक जीते थे। ओवैसी के चार विधायकों को तोड़कर तेजस्वी ने संतुलन साधरने की कोशिश की।
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सीरीज डॉ लेकिन टीम इंडिया ने दिखाया दम
ओपनिंग में ईशान का जलवा, कार्तिक ने मध्य क्रम को दी मजबूती, हर्षल ने रफ्तार से बॉलिंग में डाली जान
3 mins
साउथ से लेकर बॉलीवुड तक काजल अग्रवाल का जलवा
साउथ फिल्मों से लेकर हिंदी फिल्मों तक अपने अभिनय का दमखम दिखाने वाली अभिनेत्री काजल अग्रवाल का जन्म 19 जून, 1985 को मुंबई में हुआ था।
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kategori: News
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