“क्यों?” इसरार और नारंगी ने एक-साथ पूछा।
परेशान भागचन्द्र बोला, “अगर मैं आज गणित की क्लास में दिख गया, तो मास्साब तो पीट ही डालेंगे। गणित के सवाल तो आ ही नहीं रहे...”
“और जो क्लास में मास्साब पूछे, तो?” नारंगी ठिठक गई और चिन्ता में पड़ गई।
Bu hikaye Shaikshanik Sandarbh dergisinin March - April 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Shaikshanik Sandarbh dergisinin March - April 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
हँसाते - रुलाते, रिश्ते - नाते
किशोरावस्था में लड़के अनेक शारीरिक व भावनात्मक बदलावों से गुजर रहे होते हैं। पितृसत्तात्मक सामाजिक ताने-बाने में अक्सर इन बदलावों पर खुलकर बातचीत कर पाना और एक स्वस्थ नज़रिया विकसित कर पाना सम्भव नहीं होता। इसी कमी को ध्यान में रखकर एकलव्य ने बेटा करे सवाल किताब विकसित की है जिसके अलग-अलग अध्यायों में किशोरावस्था के विभिन्न आयामों व उनके सामाजिक-सांस्कृतिक, शारीरिक व भावनात्मक पहलुओं की चर्चा की गई है। आइए, पढ़ते हैं इस किताब का एक महत्वपूर्ण हिस्सा।
हिन्दी भाषा का साहित्यिक सफर!
संदर्भ के अंक-136 में टी. विजयेंद्र का लेख हिन्दी हाज़िर है पढ़ा।
जेंडर की जकड़न को तोड़ती कहानियाँ
बच्चों के साथ बातचीत
पुवितम में विज्ञान : ज़िन्दगी से सीखना
तमिल में पुवितम का मतलब 'धरती से प्रेम' होता है। पुवितम गतिविधि केन्द्र में बच्चे अपने आसपास के माहौल में सहजता से अवलोकन करना, खोजबीन करना और काम करना सीखते हैं। यह पद्धति विज्ञान सीखने पर किस तरह असर करती है? और शिक्षक इस प्रक्रिया में क्या भूमिका निभाते हैं?
रसोई में चिड़ियाघर
उन दिनों मैं पहले दर्जे में था। स्कूल से लौटकर अक्सर अपने चाचा के घर जाया करता था। उनका घर हमारे मुहल्ले ही में था। वे अकेले रहते थे। घर का सारा काम खुद करते थे। उनकी मेज़ किताबों और कागज़ों से इतनी लदी रहती थी कि देखकर लगता था, मानो अभी ढह जाएगी! लेकिन ऐसा हुआ कभी नहीं क्योंकि मेज़ के पाए किसी हाथी के बच्चे की टाँगों जितने मोटे और मज़बूत थे।
बल्ब जलाओ जगमग-जगमग
"देखो... मैं आज गणित में तड़ी मारने वाला हूँ।” भागचन्द्र ने गली के मोड़ पर इसरार और नारंगी से कहा।
अजगर बिलों में सेही के साथ शान्ति से रहते हैं
अदिति मुखर्जी यहाँ अजगर तथा सेही, जिनके बीच अक्सर एक शिकारी और शिकार का सम्बन्ध होता है, के एक ही बिल में शान्ति से साथ-साथ रहने के अपने अध्ययन के बारे में बता रही हैं।
फ्यूज़ बल्ब का कमाल
पुस्तक अंश - खोजबीन
संख्याएँ कितनी वास्तविक एवं कितनी काल्पनिक?
शिक्षकों की कलम से
बड़े काम के हैं भाषा के काम
शिक्षकों की कलम से