गुबरैला बताएगा स्थानीय निवासियों की पहचान
Srote|May 2021
यदि जीवविज्ञानी यह जानना चाहते हैं कि किसी स्थान के निवासी जीव कौन-से हैं, तो इसके लिए जल्द ही शमल गुबरैले इसमें सहायक हो सकते हैं | इन गुबरैलों की विशेषता है कि ये अपना पोषण काफी हद तक अन्य जंतुओं की विष्ठा से प्राप्त करते हैं। हाल ही में हुए अध्ययन में इन गुबरैलों की आंत में स्तनधारी जीवों के डीएनए पाए गए हैं, जो जैव-विविधता को सूचीबद्ध करने में मदद कर सकते हैं।
गुबरैला बताएगा स्थानीय निवासियों की पहचान

पर्यावरणीय डीएनए (eDNA) से किसी क्षेत्र की जैवविविधता पता करने का विचार कुछ ही दशक पुराना है। इसमें वैज्ञानिक धूल, मिट्टी और विशेषकर पानी में जीवों के शरीर की त्वचा के अवशेष, म्यूकस और शरीर के अन्य तरल पदार्थ खोजते हैं। फिर इन नमूनों में वे पहचानने योग्य डीएनए ढूंढते हैं ताकि पता किया जा सके कि उस क्षेत्र में कौन-से जंतु रहते हैं।

Bu hikaye Srote dergisinin May 2021 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

Bu hikaye Srote dergisinin May 2021 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

SROTE DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
मास्क कैसा हो?
Srote

मास्क कैसा हो?

यह तो हम जानते हैं कि मास्क लगाना हमें कोविड-19 से सुरक्षा देता है। लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों की तरफ से इस बारे में बहुत कम जानकारी मिली है कि किस तरह के मास्क हमें सबसे अच्छी सुरक्षा देते हैं।

time-read
1 min  |
November 2021
खाद्य पदार्थों का स्टार रेटिंग
Srote

खाद्य पदार्थों का स्टार रेटिंग

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र को ऐसे दिशानिर्देश बनाने के निर्देश दे जो यह सुनिश्चित करें कि खाद्य उत्पाद के पैकेट पर सामने की ओर 'स्वास्थ्य रेटिंग के साथसाथ 'स्वास्थ्य चेतावनी अंकित हो।

time-read
1 min  |
November 2021
फिलकॉक्सिया माइनेन्सिसः शिकारी भूमिगत पत्तियां
Srote

फिलकॉक्सिया माइनेन्सिसः शिकारी भूमिगत पत्तियां

चार्ल्स डार्विन ने 1875 में मांसाहारी पौधों पर एक किताब लिखी थी। तब से अब तक तकरीबन 10 कुलों में लगभग 20 मांसाहारी वंश (जीनस) पहचाने जा चुके हैं।

time-read
1 min  |
November 2021
दीर्घ कोविड: बड़े पैमाने के अध्ययन की ज़रूरत
Srote

दीर्घ कोविड: बड़े पैमाने के अध्ययन की ज़रूरत

कई लोगों में कोविङ-19 से उबरने के बाद भी कई हफ्तों या महीनों तक थकान, याददाश्त की समस्या और सिरदर्द जैसे लक्षण बने रहते हैं।

time-read
1 min  |
November 2021
चीन विदेशों में कोयला बिजली घर निर्माण नहीं करेगा
Srote

चीन विदेशों में कोयला बिजली घर निर्माण नहीं करेगा

हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह वचन दिया है कि उनका देश विदेशों में कोयला आधारित नई बिजली परियोजनाओं का निर्माण नहीं करेगा।

time-read
1 min  |
November 2021
जीएम खाद्यों पर पूर्ण प्रतिबंध ही सबसे उचित नीति है
Srote

जीएम खाद्यों पर पूर्ण प्रतिबंध ही सबसे उचित नीति है

जेनेटिक रूप से परिवर्तित (जीएम) खाद्यों के नियमन के लिए सरकारी नीति पर हाल के समय पर तीखी बहस देखी गई है। सरकारी स्तर पर जनता व विशेषज्ञों से इस बारे में राय मांगी गई।

time-read
1 min  |
April 2022
भारत के जंगली संतरे
Srote

भारत के जंगली संतरे

नींबू और संतरा हमारे भोजन को स्वाद देने वाले और पोषण बढ़ाने वाले अवयव हैं। ऐसा अनुमान है कि पृथ्वी पर नींबू (साइट्रस) वंश के लगभग एक अरब पेड़ हैं।

time-read
1 min  |
April 2022
सूर्य के पड़ोसी तारे का पृथ्वी जैसा ग्रह मिला
Srote

सूर्य के पड़ोसी तारे का पृथ्वी जैसा ग्रह मिला

हाल ही में खगोलविदों ने एक नए ग्रह की खोज की है। यह सूर्य के निकटतम तारे प्रॉक्सिमा सेंटोरी की परिक्रमा करने वाला तीसरा ग्रह है जिसे प्रॉक्सिमा सेंटोरी-डी नाम दिया गया है, और यहां तरल पानी का समंदर होने की संभावना है।

time-read
1 min  |
April 2022
कोविड-19 की उत्पत्ति पर बहस जारी
Srote

कोविड-19 की उत्पत्ति पर बहस जारी

हाल ही में जारी किए गए तीन नए अध्ययनों ने सार्स-कोव-2 की उत्पत्ति पर निर्विवादित निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं। हालांकि तीनों विश्लेषण कोविड-19 की उत्पत्ति तक तो नहीं पहुंचते हैं लेकिन वायरस के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलॉजी से लीक होने के सिद्धांत को खारिज करते हैं।

time-read
1 min  |
April 2022
हृदय पर कोविड-19 के गंभीर प्रभाव
Srote

हृदय पर कोविड-19 के गंभीर प्रभाव

महामारी की शुरुआत से ही संकेत मिलने लगे थे कि सार्स-कोव-2 से संक्रमित गंभीर रोगियों में हृदय और रक्त वाहिनियों में क्षति होती है।

time-read
1 min  |
April 2022