आम भारत की एक महत्वपूर्ण फसल है। आम की फसल में अनेक पारिस्थितिकी - शारीरिक विकार फलों के उत्पादन और गुणवत्ता को सीमित कर देते हैं। काली नोक, नरम नाक, गुच्छे (झुमका), फलों का गिरना, आंतरिक परिगलन, फलों का फटना, फलों का नरम होना (जेली बीज) और स्पंजी ऊतक सबसे गंभीर मुद्दे हैं जिन्हें संबोधित किया जाना चाहिए। इस अध्याय का मुख्य लक्ष्य इन विकारों के कारणों और उन्हें प्रबंधित करने के तरीकों की व्याख्या करना है।
काली नोक : काली नोक आम का एक गंभीर शारीरिक विकार है जो बागवानों को बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान पहुंचाता है। आम की दशहरी किस्म में विकार का जोखिम सबसे अधिक पाया गया है, जबकि लखनऊ सफेदा किस्म में सबसे कम। जब फल मार्बल के दाने के सामान होते हैं जब सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दूरस्थ अंत में ऊतकों का विशिष्ट पीला रंग हो जाता है। रंग की तीव्रता धीरे-धीरे भूरे और अंत में काले रंग में फीकी पड़ जाती है। इस समय में फलों का विकास धीमा हो जाता है और सिरे का काला धब्बा धीरे-धीरे फलों के ऊपरी भाग की ओर बढ़ जाता है। ऐसे फल समय से पहले पकते हैं और बहुत कम पैदावार देते हैं। ईंट भट्ठों के पास स्थित बागों पर काली नोक का अधिक प्रभाव पड़ता है। ईंट भट्ठों से निकलने वाला धुआं इसके लिए जिम्मेदार है।
प्रबंधन : फलों की मार्बल स्टेज पर बोरेक्स या वाशिंग सोडा का छिड़काव रोग नियंत्रण में प्रभावी पाया गया है। क्योंकि बोरेक्स पानी में क्षारीय हाइड्रोलिसिस से गुजरता है, यह ईंट भठों के धुएं के अम्लीय घटकों के खिलाफ बफरिंग एजेंट के रूप में कार्य करता है। अन्य क्षारीय यौगिक, जैसे कास्टिक सोडा और वाशिंग सोडा भी लाभकारी पाए गए हैं।
Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin 1st June 2023 sayısından alınmıştır.
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कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।