कांग्रेस घास पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा- इसका नियंत्रण कैसे करें
Modern Kheti - Hindi|1st August 2024
गाजर घास (Parthenium hysterophorus), जिसे कांग्रेस घास के नाम से भी जाना जाता है, गाजर जैसा दिखने वाला खरपतवार है। इसका तना रोयेंदार और गाजर जैसी दिखने वाली पत्तियों पर भी छोटे रोयें लगे होते है। इस पौधे की लंबाई 1 से 1.5 मीटर तक हो सकती है। इसका बीज बहुत छोटा होता है और एक पौधा लगभग 10000 से 25000 तक बीज पैदा कर सकता है जो जमीन पर गिरने के बाद नमी पाकर जल्दी अंकुरित होते हैं। यह पूरे साल फलता-फूलता रहता है। अत: 3 से 4 महीने में जीवन चक्र पूरी करने वाली यह घास एक साल में 3-4 पीढ़ी पूरी कर लेती है।
मीनाक्षी सांगवान, रामकरण व जगत सिंह
कांग्रेस घास पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा- इसका नियंत्रण कैसे करें

अमेरिका, मेक्सिको, नेपाल, चाइना, वियतनाम, वेस्टइंडीज, आस्ट्रेलिया, भारत इत्यादि देशों में गाजर घास का प्रकोप है। भारत में पहली बार इसको 1955 में पुणे देखा गया था। इसका प्रवेश हमारे देश में अमेरिका से आयात किये गए गेहूं के साथ हुआ था और अब यह विदेशी खरपतवार हमारे देश में लगभग 35 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में फैल चुकी हैं।

इस खरपतवार का पौधा हर प्रकार की भूमि और मौसम में उगने की क्षमता रखता है। बहुतायत रुप यह खरपतवार रिहायशी कालोनियों, सड़कों के किनारे, खाली स्थानों, खेल के मैदानों, अनुपयोगी भूमियों व रेल की लाइनों के साथ उगती है। परन्तु पिछले कुछ सालों से इस घास का प्रकोप खाद्यान्न फसलों, सब्जियों और उद्यानों में भी बढ़ता जा रहा है। इसका बीज पानी, हवा, खाद और सडकों और रेलमार्गों आदि के द्वारा आसानी से फैलता है.

इस घास से मनुष्यों में त्वचा संबंधी रोग, दमा, खारिश, एक्जीमा आदि बीमारियां हो जाती हैं व इसके अत्याधिक प्रभाव से मौत भी हो सकती है। गाजर घास के खाने से पशुओं में अनेक प्रकार के रोग पैदा हो जाते हैं और दुधारू पशुओं के दूध में कड़वाहट के साथ-साथ दूध की मात्रा भी कम हो जाती है। शोध में पाया गया है कि इस खरपतवार में सेस्कुट्रापीन लैक्टोन (sesquiterpene lactone) नाम का विषैला पदार्थ पाया जाता है जो पौधे पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। अतः इस खरपतवार के कारण खाद्यान्न फसलों की पैदावार में लगभग 40 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।

गाजर घास का समन्वित प्रबंधन

बचाव : उचित कानून बनाकर इस खरपतवार पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।

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सब्जियों की जैविक खेती
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सब्जियों की जैविक खेती

सब्जियों की जैविक खेती हमारे देश में हरित क्रांति के अंतर्गत सिंचाई के संसाधनों के विकास, उन्नतशील किस्मों और रासायनिक उर्वरकों एवं कृषि रक्षा रसायनों के उपयोग से फसलों के उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हुई। लेकिन समय बीतने के साथ फसलों की उत्पादकता में स्थिरता या गिरावट आने लगी है। इसका प्रमुख कारण भूमि की उर्वराशक्ति में ह्रास होना है।

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1st September 2024
किसानों के लिए पैसे बचाने का महत्व एवं बचत के आसान सुझाव
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किसानों के लिए पैसे बचाने का महत्व एवं बचत के आसान सुझाव

किसानों के लिए बचत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करती है। खेती एक जोखिम पूर्ण व्यवसाय है जिसमें मौसम, फसल की बीमारी और बाजार के उतार-चढ़ाव जैसी कई अनिश्चितताएं शामिल होती हैं।

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उर्द व मूंग में एकीकृत रोग प्रबंधन
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उर्द व मूंग में एकीकृत रोग प्रबंधन

दलहनी फसलों में उर्द व मूंग का प्रमुख स्थान है। जायद में समय से बुवाई व सघन पद्धतियों को अपनाकर खेती करने से इन फसलों की अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है। जायद में पीला मौजेक रोग का प्रकोप भी कम होता है।

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1st September 2024
ढींगरी खुम्ब उत्पादन : एक लाभकारी व्यवसाय
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ढींगरी खुम्ब उत्पादन : एक लाभकारी व्यवसाय

खुम्बी एक पौष्टिक आहार है जिसमें प्रोटीन, खनिज लवण तथा विटामिन जैसे पोषक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। खुम्बी में वसा की मात्रा कम होने के कारण यह हृदय रोगियों तथा कार्बोहाईड्रेट की कम मात्रा होने के कारण मधुमेह के रोगियों के लिए अच्छा आहार है। खुम्बी एक प्रकार की फफूंद होती है। इसमें क्लोरोफिल नहीं होता और इसको सीधी धूप की भी जरूरत नहीं होती बल्कि इसे बारिश और धूप से बचाकर किसी मकान या झोंपड़ी की छत के नीचे उगाया जाता है जिसमें हवा का उचित आगमन हो।

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वित्तीय साक्षरता को उत्साहित करने में सोशल मीडिया की भूमिका
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वित्तीय साक्षरता को उत्साहित करने में सोशल मीडिया की भूमिका

आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी का पूरी तरह से प्रयोग करना एवं भविष्य में वित्तीय सुरक्षा को यकीनन बनाने के लिए, प्रत्येक के लिए वित्तीय साक्षरता आवश्यक है। यह यकीनन बनाने के लिए कि आपका वित्त आपके विरुद्ध काम करने की बजाये आपके लिए काम करती है, ज्ञान एवं कुशलता की एक टूलकिट्ट की जरूरत होती है।

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मेथी की उन्नत खेती एवं उत्पादन तकनीक
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मेथी की उन्नत खेती एवं उत्पादन तकनीक

मेथी (Fenugreek) की खेती पूरे भारत में की जाती है। इसका सब्जी में केवल पत्तियों का प्रयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही बीजों का प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है।

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जैविक खादों का प्रयोग बढ़ायें
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जैविक खादों का प्रयोग बढ़ायें

भूमि से अधिक पैदावार लेने के लिए उपजाऊ शक्ति को बनाये रखना बहुत जरूरी है। वर्ष 2025 में 30 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन के लिए लगभग 45 मिलियन टन उर्वरकों की जरूरत होगी, लेकिन एक अन्दाज के अनुसार वर्ष 2025 में 35 मिलियन टन उर्वरकों का प्रयोग किया जायेगा।

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1st September 2024
गेंदे की वैज्ञानिक खेती से लाभ
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गेंदे की वैज्ञानिक खेती से लाभ

गेंदा बहुत ही उपयोगी एवं आसानी से उगाया जाने वाला फूलों का पौधा है। यह मुख्य रूप से सजावटी फसल है। यह खुले फूल, माला एवं भू-दृश्य के लिए उगाया जाता है।

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विनाशकारी खरपतवार गाजरघास की रोकथाम
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विनाशकारी खरपतवार गाजरघास की रोकथाम

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खेती में बुलंदियों की ओर बढ़ने वाला युवक किसान - नितिन सिंह
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खेती में बुलंदियों की ओर बढ़ने वाला युवक किसान - नितिन सिंह

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