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अधिक उत्पादन के लिए ऐसा भी किया जाना चाहिए
गरमियों में मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई अवश्य करनी चाहिए.
गंवई महिलाएं चलाती हैं पुष्टाहार फैक्टरी
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के ब्लौक सल्टौआ गोपालपुर के शिवपुर गांव में गंवई और दलित औरतों ने गर्भवती, धात्री और 6 साल के आंगनबाड़ी के बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए दिए जाने वाले पुष्टाहार की फैक्टरी लगा कर न केवल अपनी माली हालत को बदल दिया है, बल्कि आज वे देश के कुपोषणमुक्त बनाने के संकल्प को भी सच कर रही हैं.
गोभीवंगीय सब्जियों की जैविक खेती
भारत में सर्दी के मौसम में गोभीवर्गीय सब्जियों में मुख्यतया फूलगोभी और पत्तागोभी की अधिक खेती की जाती है, किंतु कुछ गोभीवर्गीय सब्जियां ऐसी भी हैं, जिन की मांग भारत के बाजारों में बढ़ रही है जैसे ब्रोकली, ब्रुसेल्स स्प्राउट, लाल पत्तागोभी, चाइनीज पत्तागोभी, गांठगोभी.
मटर के रोग और प्रबंधन
रबी की दलहनी फसलों में मटर का विशेष स्थान है. मटर का प्रयोग दाल, प्रसंस्कृत, ताजा सब्जी, चारे और हरी खाद के रूप में होता है. मटर की खेती मुख्यतया ताजा फलों के रूप में मौसमी एवं बेमौसमी सब्जी के रूप में की जाती है, परंतु इस का प्रति इकाई उत्पादन बढ़ाने में कवक, जीवाणु, विषाणु, सूत्रकृमि इत्यादि रोग बाधा पहुंचाते हैं. इस की पहचान एवं प्रबंधन करना बहुत जरूरी है.
सुपर सीडर मशीन: पराली की समस्या से मिले नजात और लाभ
सुपर सीडर के इस्तेमाल से धान की कटाई के बाद खेत में फैले हुए धान के अवशेष को जलाने की जरूरत नहीं होती है. साथ ही, धान की पराली जमीन में ही कुतर कर बिजाई करने से अगली फसल का विकास होता है, जमीन की सेहत भी बेहतर होती है और खाद संबंधी खर्च भी घटता है.
आलू की खेती और खास किस्म 'कुफरी मोहन'
आलू की किस्म 'कुफरी केंद्रीय मोहन' को आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला, हिमाचल प्रदेश ने ईजाद किया है, यह मध्यम अवधि वाली यानी 90 दिन में उगने वाली किस्म है. इस किस्म के कंद देखने में सफेद क्रीम रंग के, अंडाकार व एकरूपता लिए होते हैं.
नवंबर महीने के खेती के काम
हमारे देश में नवंबर महीने की खास फसलें गेहूं, आलू और सरसों मानी जाती हैं. बोआई से पहले खेत की मिट्टी की जांच कराएं और जांच के बाद ही उर्वरकों की मात्रा तय करें. खेत में सड़ी हुई गोबर या कंपोस्ट खाद डालें. अपने इलाके की आबोहवा के अनुसार बोआई के लिए किस्मों का चुनाव करें. बीज को फफूंदीनाशक दवा से उपचारित करने के बाद ही बोएं. बोआई सीड ड्रिल से करने पर बीज भी कम लगता है और पैदावार भी अच्छी होती है.
कीवी के मिलते हैं अच्छे दाम
अगर बागबानों ने कीवी अच्छी तरह से नहीं पकाई हो तो मंडियों में इस फल को बेचना मुश्किल हो जाता है. कीवी गुणकारी फल है. अगर बगीचे में कीवी लगाई है, तो इसे बंदर, पक्षी आदि जंगली जानवर खाना पसंद नहीं करते. इस वजह से बागबान इस की पैदावार बेफिक्र हो कर करते हैं और इस फल को मंडियों तक पहुंचाने में कोई जल्दबाजी नहीं करते.
आलू बोआई यंत्र पोटैटो प्लांटर
आलू की खेती में आजकल कृषि यंत्रों का अच्छाखासा इस्तेमाल होने लगा है. आलू बोआई के लिए पोटैटो प्लांटर है, तो आलू की खुदाई के लिए पोटैटो डिगर कृषि यंत्र है. यहां हम फिलहाल आलू बोआई यंत्र पोटैटो प्लांटर की बात कर रहे हैं.
मिलेट्स से बनाएं सेहतमंद पकवान
बाजरा, कोदो, नाचनी या रागी और कुटकी आदि मिलेट के अंतर्गत आने वाले अनाज हैं.
मेथी की खेती
मेथी की फसल से अच्छी पैदावार हासिल करने के लिए उन्नत किस्मों को बोना चाहिए. मेथी की बोआई अगर कृषि यंत्र से की जाए, तो खेत में खरपतवारों में कमी आने के साथ अच्छी उपज भी मिलेगी.
'लाडली रीजनल मीडिया अवार्ड'
'फार्म एन फूड' में प्रकाशित लेख पर मिला
पंजाब की 79 मंडियां ई-नैम पोर्टल के साथ
पंजाब के वित्त, आबकारी एवं कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इलैक्ट्रौनिक नैशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नैम) के पोर्टल के साथ जुड़ी पंजाब की 79 मंडियों के द्वारा 10,000 करोड़ रुपए के कृषि उत्पादों का ई-ट्रेडिंग के द्वारा व्यापार किया गया है.
पशुओं की बीमारियों से जागरूकता जरुरी
पालमपुर के डाक्टर जीसी नेगी, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के पशु जनस्वास्थ्य एवं जानपदिक रोग विज्ञान विभाग के विशेषज्ञों ने शोध में ऐसी बीमारियों को जाना है, जो पशुओं से इनसानों में न केवल प्रवेश कर उन्हें संक्रमित कर सकती हैं, बल्कि जानलेवा भी बन जाती हैं
सवाल किसानों के मशरूम क्या है?
मशरूम, जिसे क्षेत्रीय भाषाओं में कुकुरमुत्ता, भूमि कवक, खुंभ, खुंभी, गर्जना एवं धरती के फूल आदि कई नामों से जाना जाता है. आमतौर पर बरसात के दिनों में छतरीनुमा संरचनाएं सड़ेगले कूड़े के ढेरों पर या गोबर की खाद या लकड़ी पर देखने को मिलता है, वह भी एक तरह का मशरूम ही है.
गेहूं की नई उन्नत किस्में
करनाल में जनमी 'प्रेमा', 'मंजरी', 'वैदेही', 'वृंदा' एवं 'वरुणा' इस वर्ष से खेतों में डांस करेंगी, तो बिलासपुर की 'विद्या' भी किसानों के खेतों में इठलाएगी.
सोयाबीन किसान करें ये काम
मध्य प्रदेश के देवास के उपसंचालक कृषि आरपी कनेरिया ने बताया कि वर्तमान में सोयाबीन फसल लगभग 50 से 65 दिनों की है एवं फूल आने और फलियों में दाने भरने की स्थिति में है.
एक कदम हरित शहर की ओर - शहरियों को लुभा रही छत्त पर बागबानी
एक ताजा सर्वे में नई दिल्ली को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा लगातार विश्व स्तर पर सब से प्रदूषित शहरों में शुमार किया गया है. भारतीय वन सर्वे की नई रिपोर्ट से पता चलता है कि दिल्ली का कुल हरित क्षेत्र केवल 23.06 फीसदी है, जो कि साल 1988 की राष्ट्रीय वन नीति के तहत एकतिहाई क्षेत्र की सिफारिश से काफी कम है.
यूरोप में महका मध्य प्रदेश का महुआ - मजदूरों का होगा फायदा
यूनाइटेड किंगडम की लंदन स्थित कंपनी ओफौंरैस्ट ने महुआ के कई प्रोडक्ट बाजार में उतारे हैं. इन में मुख्य रूप से महुआ चाय, महुआ पाउडर, महुआ निब- भुना वगैरह मुख्य रूप से पसंद किए जा रहे हैं. ओ-फॉरेस्ट ने मध्य प्रदेश से 200 टन महुआ खरीदने का समझौता किया है. इस से महुआ बीनने वाले जनजातीय परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा.
कस्टम हायरिंग सैंटर बनाएं 80 फीसदी सब्सिडी पाएं
इन दिनों पंजाब में फसलों के अवशेष का प्रबंध बेहतर ढंग से करने के लिए वातावरण अनुकूल 'सरफेस सिडर' पर सब्सिडी देने के लिए हरी झंडी दे दी है. पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की तरफ से विकसित की गई इस तकनीक को फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम (सीआरएम) में शामिल किया गया है.
आखिरी सांस तक कृषि कल्याण के प्रति समर्पित
भारतीय कृषि के आधारस्तंभ प्रो. एमएस स्वामीनाथन
मछलीपालन के लिए अनुदान
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस योजना के तहत मत्स्यपालन से जुड़े किसानों अथवा मात्स्यिकी से जुड़ने के लिए इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं.
धान की कटाई से ले कर भंडारण तक
भारत दुनिया में धान उत्पादन की दृष्टि से सब से बड़े देशों में गिना जाता है. देश में आधे से अधिक खेती योग्य जमीनों पर धान की खेती की जाती है. धान उत्पादन को खेती में बीते वर्षों में बड़े शोध व तकनीकी का उपयोग होने से उत्पादन बड़ी तेजी से बढ़ा है, लेकिन धान की फसल के तैयार होने के बाद किसानों को कटाई, मड़ाई, सुखाई व भंडारण की सही जानकारी न होने की वजह से कुल उत्पादन का 10 फीसदी तक का नुकसान उठाना पड़ता है.
गाजर की खेती में कृषि मशीनों का इस्तेमाल
गाजर सर्दियों के मौसम में पैदा की जाने वाली फसल है. इस फसल को तकरीबन हर तरह की मिट्टी में उपजाया जा सकता है, लेकिन इस के के लिए सब से सही मिट्टी बलुई दोमट होती है. इस फसल पर पाले का असर भी नहीं होता है.
बिना ऊर्जा फल व सब्जियों की भंडारण तकनीकी
फल एवं सब्जियों की तुड़ाई के उपरांत भारत जैसे उष्णकटिबंधीय (गरम) देश के भंडारण की एक मुख्य समस्या है.
चावल को जियो टैग किसानों की बढ़ी आय
अपने स्वाद और सुगंध के लिए मशहूर चिन्नौर चावल बालाघाट जिले की एक अलग ही पहचान है. चिन्नौर को जियो टैग मिलने के बाद बालाघाट जिले में चिन्नौर के उत्पादन को प्रोत्साहन मिला है और इस से चिन्नौर की खेती करने वाले किसानों की आय में इजाफा हो रहा है.
देश को नई हरित क्रांति की दरकार
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि हरित क्रांति जैविक उत्पादों के लिए बाजार खोज कर दुनियाभर में पैसा भारत में लाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात के कच्छ जिले में 500 मल तरल उर्वरक की 2 लाख बोतल का प्रतिदिन उत्पादन होगा, जिस से आयातित उर्वरक पर निर्भरता कम होगी और 10,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी भी बच सकेगी.
कृषि उद्यमिता, नैचुरल फार्मिंग, जल प्रबंधन का सशक्त मौडल
बढ़ती हुई आबादी की खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें खेती की उन्नत तकनीकी का उपयोग करते हुए कृषि एवं उस से जुड़े उत्पादकता की तरफ पूरी तरह ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. खेती की लागत में कमी लाने में जितना मददगार उन्नत तकनीकी को माना जा सकता है, उतना ही जरूरी है खेती में उन्नत यंत्रों का प्रयोग.
अक्तबर महीने के खेती के काम
यह महीना खेतीबारी के नजरिए से बहुत खास होता है. इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.
7 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
7 करोड़ रुपए की लागत से