जोजो और डंपी खरगोश अपने परिवार के साथ 'आनंदवन में रहते थे. इस बार डंपी ने समय आने पर दो सुंदर बच्चों को जन्म दिया. उन का नाम रोरो और सनी रखा. रोरो स्वभाव से शांत थी और सनी थोड़ी नटखट थी. सफेद और सुंदर लाल आंखों वाली वे दोनों बहुत सुंदर दिखाई देती थी.
डंपी उन का बहुत ध्यान रखती थी. एक दिन रोरो बोली, "मम्मी, मेरे कान इतने बड़े क्यों हैं, जबकि भैया के छोटे हैं."
उस के कहने पर डंपी ने पहली बार इस बात पर ध्यान दिया.
"तुम ठीक कहती हो. मैं ने तो इस ओर ध्यान ही नहीं दिया," उस के कान उलटपलट कर डंपी बोली.
"सनी के कान हमेशा खड़े रहते हैं जबकि मेरे नीचे लटक जाते हैं. मुझे खड़े कान पसंद हैं मम्मी."
डंपी ने उस के कान पकड़ कर खड़े करने चाहे, लेकिन लंबाई अधिक होने की वजह से वह मुड़ कर नीचे लटक गए.
"रोरो तुम्हारे कान खड़े नहीं हो सकते."
"क्यों मम्मी, मेरे कानों में क्या खराबी है?"
"मुझे खड़े कान पसंद हैं. आप के भी और पापा के भी कान खड़े हैं. फिर मेरे कान ऐसे क्यों हैं?"
"यह बात मेरी समझ में भी नहीं आई रोरो. हमारे परिवार के सब सदस्यों के कान सामान्य हैं. तुम्हारे ही कान पता नहीं कैसे इतने बड़े हो गए ?"
"प्लीज मम्मी, इन्हें छोटा कर दो."
"यह मेरे वश में नहीं है. तुम्हें इन कानों के साथ ही रहना होगा," डंपी बोली तो रोरो उदास हो गई.
डंपी ने यह बात जोजो को बताई तो वह भी उस के कान देख कर चौंक गया.
"खरगोश के कान आमतौर पर इतने लंबे नहीं होते. पता नहीं रोरो के कान कैसे इतने लंबे हो गए?"
"यही बात तो मुझे परेशान कर रही है. इस के इतने भाईबहन हैं, लेकिन सब के कान सामान्य हैं. इस के साथ यह क्यों हो गया?"
"इस बात को ले कर तुम परेशान मत हो डंपी. उसे अपने लंबे कानों के साथ ही रहना होगा," जोजो बोला.
रोरो के कहने पर सब का ध्यान उस के कानों पर चला गया. अब उसे देख कर हर कोई यही बोलता, "डंपी, इस के कानों को क्या हो गया? ये इतने लंबे क्यों हो गए?"
"पता नहीं, जब से यह पैदा हुई है इस के कान ऐसे ही हैं."
"तुम्हें इसे डाक्टर को दिखाना चाहिए," सब ने कहा.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin September First 2022 sayısından alınmıştır.
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बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.
मेरा संकल्प
जनवरी 2025 का पहला सप्ताह शुरू हो चुका था और 10 वर्षीय रोहन ने कोई संकल्प नहीं लिया था. वह जहां भी गया, स्कूल में, खेल के मैदान में और आसपड़ोस में सब जगह लोग नए साल के संकल्पों के बारे में बात कर रहे थे. रोहन भी एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक संकल्प लेना चाहता था, लेकिन वह उलझन में था. वह एक ऐसा संकल्प लेना चाहता था, जो उस के लिए अच्छा हो और जिसे वह पूरे साल आसानी से पूरा कर सके.
सेल्वी का सरप्राइज
'चाय काप्पिई, चाय काप्पिई,' 'इडली वड़े, इडली वड़े,' बेचने वालों की तेज आवाज ने सेल्वी को जगा दिया. सूरज ढल चुका था और उस की ट्रेन अभी अभी तिरुनेलवेली जंक्शन में दाखिल हुई थी.
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...