"बस, 10 मिनट और मां," अंतरा बोली.
मां ने आ कर अंतरा के बाल ठीक करते हुए कहा, "तुम तो ऐसे काम कर रही हो जैसे कल ही क्रिसमस है. अभी तो पूरे दो दिन बाकी हैं. तुम बाकी काम कल सुबह कर सकती हो."
"मां, प्लीज, बस थोड़ी देर और."
"ठीक है, चलो, मैं अपने कमरे में जा रही हूं. सोने से पहले लाइट बंद कर देना," मां बोलीं.
"ठीक है मां, गुडनाइट," अंतरा ने कहा.
"गुडनाइट," मां ने उसे गले लगाया और अपने कमरे में चली गईं.
अंतरा क्रिसमस ट्री पर सजावट करने के लिए वापस चली गई. कुछ छोटे सितारे लगाने के बाद पेड़ आखिरकार सज कर तैयार हो गया. उस ने स्विच औन किया और पेड़ के चारों ओर लिपटी जगमगाती लड़ियां जल उठीं. यह देख कर अंतरा बहुत खुश हुई. अंतरा अपने क्रिसमस ट्री को निहार रही थी, अचानक उस की नजर घड़ी पर पड़ी.
"अरे, आधी रात हो गई है और मुझे पता भी नहीं चला, अब सोना चाहिए वरना मां डांटेंगी," अंतरा मन ही मन बुदबुदाई.
जब वह सफाई कर के लाइट बंद करने जा रही थी तो उस की नजर खिड़की से बाहर धुंधलेपन में कुछ हलचल पर पड़ी, "जरूर कोई आवारा बिल्ली होगी," उस ने सोचा और लगभग अनदेखा कर दिया. अचानक उस ने एक स्लेज को अपने घर की ओर हुए देखा. उसे अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं आ और उसने आंखों को मलते हुए देखा कि वह सपना तो नहीं देख रही है.
उस ने खिड़की का परदा पीछे खींचा और देखा कि हरे रंग के कपड़े पहने एक एल्फ स्लेज से उतर कर उस के दरवाजे की ओर बढ़ रहा है. चौंक कर अंतरा
दरवाजे के पीछे खड़ी हो गई. दरवाजे पर दस्तक हुई और एक आवाज आई, "अंतरा, अंतरा."
"कौन है?" उस ने धीरे से पूछा.
"मैं सांता का चीफ एल्फ हूं, उस ने मुझे तुम्हें लाने के लिए भेजा है," आवाज ने दरवाजे के नीचे से एक पत्र अंदर डालते हुए कहा.
"लेकिन क्यों," अंतरा ने हैरान हो कर पूछा.
"कल क्रिसमस की पूर्व संध्या है और नौर्थ पोल पर अभी बहुत काम बाकी है. हमें तुम्हारी मदद चाहिए."
"लेकिन मैं आप की कैसे मदद कर सकती हूं? मैं तो केवल 8 साल की हूं," अंतरा ने जवाब दिया.
"मदद करने वाले हाथ छोटेबड़े नहीं होते, अगर इरादे नेक हों तो छोटे हाथ भी मुश्किल से मुश्किल काम कर सकते हैं," एल्फ ने उत्साहपूर्वक उत्तर दिया.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin December Second 2024 sayısından alınmıştır.
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पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"