बेनी ने जवाब दिया, “सर, यह रजाई पिछले साल ही खरीदी गई थी. मैं इसे ड्राइक्लीन करवा सकता हूं, यह बिलकुल नई जैसी हो जाएगी. आप अभी भी इस का इस्तेमाल कर सकते हो."
शेरा ने जोर दे कर कहा, "मैं एक नई रजाई बनवा लूंगा. मैं यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि जंबू की रजाइयां इतनी लोकप्रिय क्यों हैं?"
बेनी रोमांचित था. वह हमेशा ठंड के मौसम में मखमली रजाई का इस्तेमाल करना चाहता था और प्रधानमंत्री ने उस की इच्छा पूरी कर दी. उन्होंने प्रधानमंत्री शेरा को धन्यवाद दिया, जिस पर उन्होंने जवाब दिया, "यह अच्छा है कि आप ने रजाई ले ली. मैं चीजों को जमा करने वाला नहीं हूं. अगर यह आपके काम आए तो मुझे खुशी होगी."
थोड़ी देर बाद जंबू जिराफ आया. उस ने अपनी रजाई की खासियत के बारे में बताया, “महाराज, मेरी रजाई की सब से अच्छी बात यह है कि जो भी इस का इस्तेमाल करता है, वह इतनी गहरी नींद सोता है कि उस की सारी थकान गायब हो जाती है."
शेरा ने जवाब दिया, “ओह, मुझे नींद नहीं आ रही है. ठंड के मौसम में सोना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन मेरा दिमाग हमेशा व्यस्त रहता है. शायद तम्हारी रजाई काम आ जाए."
"आप अगर मेरी रजाई का इस्तेमाल कर के सो नहीं पाते हैं, तो मैं आप को जीवन भर के लिए रजाई मुफ्त दूंगा,” जंबू ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया और दो दिन में रजाई पहुंचाने का वादा किया. शेरा ने देर रात तक वेबसीरीज देखने की नई आदत ली थी. वह एक बार में ही पूरी सीरीज देख लेते थे, जिस से उन्हें सुबह तक नींद नहीं आती थी. लेकिन जब उन्होंने जंबू की रजाई का इस्तेमाल करना शुरू किया, तो उन्हें अच्छी नींद आने लगी और अब वे पूरी तरह आराम से जागते थे. वे इस से बहुत खुश थे. हालांकि आधे जंगल का दौरा करने का उनका सुबह का नियम अब टूट चुका था. जानवर जो आमतौर पर सुबहसुबह उन के दौरे के दौरान उन से मिलते थे, अब उन की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा था.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin December First 2024 sayısından alınmıştır.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.