अरब के एक छोटे से गांव में एक बूढ़ा आदमी रहता था. वह बहुत ही धर्मपरायण यानी भक्ति में डूबा रहने वाला व्यक्ति था. उस के पास एक घोड़ा जो बहुत ही सुंदर, तेज गति वाला और तंदुरुस्त था. वह उसे बहुत ही ज्यादा पसंद करता था, उस का था, हर तरह से खयाल रखता था. वह घोड़ा उसे अपनी जिंदगी से भी प्यारा था. वह उसे स्वस्थ भोजन खिलाता और खुद के लिए भी भोजन अपनी झोंपड़ी में ले जाता तथा उसे भी उस घोड़े को खिलाता था. वह अपने घोड़े पर बैठ कर गांव में चारों ओर घूमा करता था.
घोड़े की चर्चा आसपास के गांव, कसबों, शहरों और नगरों में फैल गई. कुछ लोग तो किसी भी कीमत पर घोड़े को खरीदना चाह रहे थे, लेकिन वह बूढ़ा आदमी किसी भी कीमत पर अपने घोड़े को नहीं बेचना चाहता था.
एक दिन अरब के एक बड़े शहर से एक अमीर व्यापारी ने घोड़े के गुणों को सु सुन कर उसे खरीदने उस के गांव आया. उस ने मुंहमांगी कीमत देने का औफर दिया, लेकिन बूढ़े आदमी ने घोड़े को बेचने से साफ मना कर दिया.
व्यापारी बहुत अनुभवी आदमी था. उस ने दुनिया देखी थी. उसे यह विश्वास हो गया था कि वह घोड़े को सिर्फ रुपयों से नहीं खरीद सकेगा.
वह निराश हो गया, लेकिन जिस समय उसे विदा किया गया उस ने आत्मविश्वास से कहा, "जो कुछ भी मैं चाहता हूं, किसी भी तरह से उसे हासिल कर ही लेता हूं."
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin October First 2022 sayısından alınmıştır.
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जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.
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एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.
बच्चे देश का भविष्य
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.