गिल्लू बड़ी आलसी गिलहरी थी. साफसफाई की ओर उस का बिलकुल भी ध्यान नहीं रहता था और वह सप्ताह में एक बार ही नहाती थी. सभी उसे समझाते, लेकिन वह नहीं मानती. उसे तो बस, खाना और सोना अच्छा लगता था.
गिल्लू घने जंगल में एक बड़े पेड़ की कोटर में रहती थी. उस के आसपास बहुत सारे जानवर रहते थे. जंगल के अधिकांश जानवर स्वच्छता प्रिय थे. इसीलिए सभी ने मिल कर जंगल में जगहजगह डस्टबिन लगवाए थे. जंगल की सड़कें साफ और स्वच्छ रहती थीं.
गिल्लू अपने कोटर में जो कुछ भी खाती, कूड़ा कोटर से बाहर फेंक देती. वह सारा कचरा नीचे सड़क पर आ जाता. सेब के टुकड़े, केले के छिलके, अखरोट के छिलके, ब्रेड के टुकड़े सब का ढेर लग गया. आज भी गिल्लू ने बहुत सारा कूड़ा बाहर सड़क पर बिखेर दिया था.
"गिल्लू, तुम्हें मैं ने कितनी बार समझाया है कि इस तरह सड़क पर कूड़ा मत फेंका करो ?” हेवी हाथी ने गुस्से में कहा.
“अरे, चले जाओ, मुझे परेशान मत करो, मेरा घर है, मैं कुछ भी करूं. तुम अपने घर को देखो,” गिल्लू बोली.
हेवी यह सुन कर गुस्से से तमतमाया और उस ने गिल्लू के कोटर में अपनी सूंड़ डाल कर सब तहसनहस करने का मन बना लिया. उस ने जैसे ही अपनी सूंड़ उठाई तब तक हाइटी जिराफ वहां पहुंच गया.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin December First 2022 sayısından alınmıştır.
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जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.
फौक्सी को सबक
एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.
बच्चे देश का भविष्य
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.