गिल्लू को मिला सबक
Champak - Hindi|December First 2022
बच्चों की कहानी
ललित शौर्य
गिल्लू को मिला सबक

गिल्लू बड़ी आलसी गिलहरी थी. साफसफाई की ओर उस का बिलकुल भी ध्यान नहीं रहता था और वह सप्ताह में एक बार ही नहाती थी. सभी उसे समझाते, लेकिन वह नहीं मानती. उसे तो बस, खाना और सोना अच्छा लगता था.

गिल्लू घने जंगल में एक बड़े पेड़ की कोटर में रहती थी. उस के आसपास बहुत सारे जानवर रहते थे. जंगल के अधिकांश जानवर स्वच्छता प्रिय थे. इसीलिए सभी ने मिल कर जंगल में जगहजगह डस्टबिन लगवाए थे. जंगल की सड़कें साफ और स्वच्छ रहती थीं.

गिल्लू अपने कोटर में जो कुछ भी खाती, कूड़ा कोटर से बाहर फेंक देती. वह सारा कचरा नीचे सड़क पर आ जाता. सेब के टुकड़े, केले के छिलके, अखरोट के छिलके, ब्रेड के टुकड़े सब का ढेर लग गया. आज भी गिल्लू ने बहुत सारा कूड़ा बाहर सड़क पर बिखेर दिया था.

"गिल्लू, तुम्हें मैं ने कितनी बार समझाया है कि इस तरह सड़क पर कूड़ा मत फेंका करो ?” हेवी हाथी ने गुस्से में कहा.

“अरे, चले जाओ, मुझे परेशान मत करो, मेरा घर है, मैं कुछ भी करूं. तुम अपने घर को देखो,” गिल्लू बोली.

हेवी यह सुन कर गुस्से से तमतमाया और उस ने गिल्लू के कोटर में अपनी सूंड़ डाल कर सब तहसनहस करने का मन बना लिया. उस ने जैसे ही अपनी सूंड़ उठाई तब तक हाइटी जिराफ वहां पहुंच गया.

Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin December First 2022 sayısından alınmıştır.

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जो ढूंढ़े वही पाए
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एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
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