"लेकिन हम वहां कैसे पहुंचें? कठपुतली का शो तो जंगल के आखिर में खाली मैदान पर दिखाया जा रहा है?” मैडी ने पूछा.
“देखो मेरे दोस्त, मेरे पास तो पंख हैं. तेरे पास भी हैं तो उड़ कर चल मेरे साथ वरना पेड़ से नीचे उतरो और दौड़ लगा कर मैदान की तरफ भागो,” कोको ने उत्तर दिया.
मैडी ने पेड़ से नीचे उतरने से पहले इधरउधर नजर दौड़ा कर देखा कि कहीं कोई खतरा तो नहीं है. जब उसे कोई नहीं दिखा तो वह पेड़ से उतर कर कठपुतली शो देखने चल दिया. हालांकि उसे नहीं पता था कि सिंडी चीता झाड़ी में छिप कर उस पर नजर रख रहा था. जैसे ही मैडी थोड़ा आगे चला मौका पा कर सिंडी ने उसे दबोच लिया.
“अरे, क्या कर रहे हो? मुझे कठपुतली का शो देखने में देर हो रही है, छोड़ो मुझे,” मैडी ने सिंडी से विनती करते हुए कहा, पर सिंडी कहां मानने वाला था?
“अरे, सिंडी ने मैडी को पकड़ लिया है, अब मुझे ही उसे छुड़ाने के लिए कुछ करना होगा.”
कोको ने जोजो को मुसीबत में देखा और अपने साथियों को कांवकांव कर के बुलाया और फिर सारे के सारे कौवे मिल कर सिंडी पर टूट पड़े.
इतने सारे कौवों के झुंड द्वारा आक्रमण किए जाने के कारण सिंडी घबरा गया और उस ने मैडी को छोड़ दिया. उस की कैद से आजाद होते ही मैडी वहां से सिर पर पांव रख कर भागा.
उस के बाद अपने दोस्त कोको कौवे के साथ मैडी ने कठपुतली शो देखा. शो बहुत मजेदार था और बहुत सारे जानवर शो देखने के लिए गए हुए थे.
शो खत्म हुआ तो मैडी के सामने फिर वही मुसीबत खड़ी हो गई. घर लौटते समय फिर हमला होने का खतरा था. किसी तरह वह भाग कर अपने पेड़ पर जा पहुंचा. तब जा कर उस की जान में जान आई.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin August First 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin August First 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.
फौक्सी को सबक
एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.
बच्चे देश का भविष्य
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.