"मुझे यह स्टौपवौच अपने चचेरे भाई को देनी है, मेरे साथ आओ," वाणी ने सूरी को स्टौपवौच दिखाते हुए कहा, "इस का उपयोग किसी भी चीज के लिए समय रिकौर्ड करने के किया जाता है. जैसे आप को अपनी पैंसिल तेज करने या आइसक्रीम खाने में कितने मिनट लगे." इसे चालू और बंद करने के लिए ऊपर एक बटन था जिसे दबाना होता था. उस ने सूरी को इसे पकड़ने भी दिया.
"हमें बड़े स्कूल में जाना होगा," वाणी ने कहा. सूरी खुशीखुशी उस के पीछे हो ली. उन्हें विशाल गलियारे से हो कर गुजरना था और अंत में नीला दरवाजा था, जो अधखुला था. वाणी ने अंदर झांका तो सूरी ने उस की नकल की. सूरी का रंग पीला पड़ गया.
"यह जीव विज्ञान प्रयोगशाला है. मैं यहां कई बार आई हूं. क्या तुम ने कभी कंकाल देखे हैं?" वाणी ने पूछा. "मेरी चचेरी बहन सभी हड्डियों के नाम भी जानती है," वाणी थोड़ा और झुकी फिर फुसफुसा कर बोली, "वह यहां नहीं है."
वे आगे बढ़े और एक और बड़े नीले दरवाजे के पार चले गए. वाणी ने कहा, "यह लाइब्रेरी है," सूरी हैरानपरेशान लग रही थी. वाणी ने सूरी की ओर देखा और हंसते हुए कहा, "पहले कभी लाइब्रेरी नहीं गई?" सूरी ने सिर हिलाया. वाणी ने उसे बताया कि यह किताबों का घर है. उस की चचेरी बहन वहां भी नहीं थी. आखिरकार उन्होंने उसे खेल के मैदान में पाया.
"किताबों का घर क्या होता है?" सूरी जब अपने कमरे में अपनी गुड़िया के बाल साफ कर रही थी, तो बड़बड़ा भी रही थी. "और क्या तुम जानती हो कि इस से अधिक पागलपन क्या है, हड्डियों के भी नाम होते हैं?"
"कोहनी की हड्डी," मायरा कबूतर ने खिड़की की चौखट से कहा. सूरी खुशी से उछल पड़ी. मायरा ने सप्ताहांत के लिए अपने पुराने शहर से उड़ान भरी. उन्होंने एकसाथ मूवी देखी और बातें कीं.
डिनर के बाद लूडो गेम खेलते समय सूरी ने सारी बात बताई. जैसे बड़ा स्कूल, स्टौपवौच, प्रयोगशाला, कंकाल और विशाल पुस्तकालय. मायरा कबूतर ने पासा फेंक कर छक्का लगाया और जीत हासिल की, जबकि सूरी ने आगे कहा, "और तुम जानती हो, वाणी की चचेरी बहन के पास विशेष जूते भी हैं."
"किस प्रकार के विशेष जूते?" मायरा ने लूडो को पैक करते हुए पूछा. सूरी ने बुदबुदाते हुए कहा, "वह उन्हें स्पाइक्स कहती है."
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin September Second 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin September Second 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.
मेरा संकल्प
जनवरी 2025 का पहला सप्ताह शुरू हो चुका था और 10 वर्षीय रोहन ने कोई संकल्प नहीं लिया था. वह जहां भी गया, स्कूल में, खेल के मैदान में और आसपड़ोस में सब जगह लोग नए साल के संकल्पों के बारे में बात कर रहे थे. रोहन भी एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक संकल्प लेना चाहता था, लेकिन वह उलझन में था. वह एक ऐसा संकल्प लेना चाहता था, जो उस के लिए अच्छा हो और जिसे वह पूरे साल आसानी से पूरा कर सके.
सेल्वी का सरप्राइज
'चाय काप्पिई, चाय काप्पिई,' 'इडली वड़े, इडली वड़े,' बेचने वालों की तेज आवाज ने सेल्वी को जगा दिया. सूरज ढल चुका था और उस की ट्रेन अभी अभी तिरुनेलवेली जंक्शन में दाखिल हुई थी.
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...