लेकिन जैसेजैसे समय बीता, गोल्डीलौक्स को अपने सुनहरे बालों के प्रति असंतोष की भावना महसूस होने लगी. उसे ऐसा लगने लगा कि उस के सुनहरे बाल उस के व्यक्तित्त्व से मेल नहीं खाते हैं. उसे ऐसे रंग के बाल चाहिए थे जो उस के साहसिक और घुमक्कड़ व्यक्तित्त्व को प्रतिबिंबित करें.
एक सुबह, जब गोल्डीलौक्स ने आईने में अपना प्रतिबिंब देखा, तो उस ने अपना मन बना लिया कि मुझे एक नया रूप चाहिए. वह अपने बालों का रंग बदलने के लिए कुछ भी करने को तैयार थी. आशा और उत्साह से भरी गोल्डीलौक्स एक छोटे बैग के साथ, अपनी यात्रा पर निकल पड़ी. उस का पहला पड़ाव एक रहस्यमयी गांव था, जहां जादुई बाल परियां रहती थीं. वे परियां बालों से संबंधित इच्छाओं को पूरा करने की अपनी क्षमता के लिए प्रसिद्ध थीं.
उस गांव पहुंचने पर जादुई परियों ने गोल्डीलौक्स का स्वागत किया. जब उन्हें गोल्डीलौक्स की इच्छा के बारे में पता चला तो वे हैरान हुईं, लेकिन उन्होंने उसे आश्वासन दिया कि वह सही जगह पर आई है.
काफी सोचविचार के बाद परियों ने गोल्डीलौक्स को जादुई औषधि से भरी एक चमचमाती कांच की शीशी भेंट की. उन्होंने बताया, "यह औषधि तुम्हारे बालों का रंग बदल देगी. तुम अपना मनचाहा रंग पाने की इच्छा रख सकती हो, लेकिन याद रखना, यदि एक बार बालों का रंग बदल जाएगा तो दोबारा पहले जैसा नहीं हो पाएगा."
परियों को धन्यवाद देते हुए गोल्डीलौक्स ने खुशीखुशी औषधि स्वीकार की और परियों को अलविदा कहा. अब वह एक आरामदायक जगह पर बैठ कर उस औषधि का सेवन करना चाहती थी. आखिरकार उसे एक घने व छायादार पेड़ के नीचे जगह मिल गई. वहां बैठ कर उस ने विचार किया, "मेरे बाल किस रंग के होने चाहिए?"
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin September Second 2023 sayısından alınmıştır.
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बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.
मेरा संकल्प
जनवरी 2025 का पहला सप्ताह शुरू हो चुका था और 10 वर्षीय रोहन ने कोई संकल्प नहीं लिया था. वह जहां भी गया, स्कूल में, खेल के मैदान में और आसपड़ोस में सब जगह लोग नए साल के संकल्पों के बारे में बात कर रहे थे. रोहन भी एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक संकल्प लेना चाहता था, लेकिन वह उलझन में था. वह एक ऐसा संकल्प लेना चाहता था, जो उस के लिए अच्छा हो और जिसे वह पूरे साल आसानी से पूरा कर सके.
सेल्वी का सरप्राइज
'चाय काप्पिई, चाय काप्पिई,' 'इडली वड़े, इडली वड़े,' बेचने वालों की तेज आवाज ने सेल्वी को जगा दिया. सूरज ढल चुका था और उस की ट्रेन अभी अभी तिरुनेलवेली जंक्शन में दाखिल हुई थी.
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...