आइए, रोबोटिक्स मार्बल्स से मिलिए
Champak - Hindi|October Second 2024
वेआम किशोरों की तरह देख सकते हैं, लेकिन 10 बच्चों की यह टीम हाईस्कूल के छात्रों के लिए दुनिया की सब से रोबोटिक्स चुनौती है. 13 से 17 वर्ष की उम्र के प्रत्येक सदस्य ने 26 से 29 सितंबर को एथेंस ग्रीस में संपन्न हुए फर्स्ट ग्लोबल चैलेंज (एफजीसी) में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया.
तन्वी नायक
आइए, रोबोटिक्स मार्बल्स से मिलिए

प्रतियोगिता

फर्स्ट ग्लोबल चैलेंज हाईस्कूल के छात्रों के लिए रोबोटिक्स ओलिंपिक था, जिस में 193 देशों की टीमों ने भाग लिया. हर वर्ष टीमों को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ता है और इस वर्ष चुनौती एक ऐसे रोबोट को डिजायन करने की थी, जो वास्तविक दुनिया की आपूर्ति श्रृंखला समस्याओं जैसी बाधाओं को पार करते हुए जल, ऊर्जा और भोजन जैसे संसाधनों को इकट्ठा और वितरित कर सके.

टीम इंडिया और उनका रोबोट

टीम इंडिया के रोबोट में 4 मुख्य घटक शामिल है, जिन में चेसिस, कैस्केड और एलिवेटर, डिलीवरी सिस्टम और इनटेक. इसे प्रतियोगिता की सख्त आकार संबंधी सीमाओं को पूरा करना था, इसे 50X50X50 सेंटीमीटर फ्रेम के भीतर फिट होने वाली प्रतिस्पर्धा की सख्त आकार की बाधाओं हो पूरा करना होगा, जो पानी (नीला) ऊर्जा (हरी) का प्रतिनिधित्व करने वाली 500 ग्राम गेंदों को इकट्ठा करना है. भोजन (नारंगी) लें और उन्हें लक्ष्यों के प्रतीक के रूप में निर्दिष्ट बक्सों में डालें.

रोबोट बनाने में चुनौतियां

Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin October Second 2024 sayısından alınmıştır.

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जो ढूंढ़े वही पाए
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एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.

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डिक्शनरी
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