7 जून, 2023 की शाम 4 बजे उत्तर प्रदेश के टौपमोस्ट अपराधियों में 13वें नंबर के अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जीवा की लखनऊ के वजीरगंज स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में विशेष न्यायाधीश नरेंद्र कुमार तृतीय एससी/एसटी ऐक्ट कोर्ट में हत्या के एक मामले की पेशी थी. वैसे उसे हत्या के 2 मामलों में उम्रकैद की सजा मिल चुकी थी. पर हमारे यहां का कानून कहता है कि जितने भी मुकदमे चल रहे हैं, उन का निपटारा तो होना ही चाहिए. इसलिए संजीव जीवा को लखनऊ की अदालत में चल रहे मुकदमे की पेशी के लिए भारी पुलिस सुरक्षा में लाया गया था.
पुकार होने पर शाम के 4 बजे जैसे ही जीवा कोर्टरूम में दाखिल होने के लिए दरवाजे के पास पहुंचा, तभी काला कोट पहने एक आदमी उस के पीछे से आया और कोट के अंदर से रिवौल्वर निकाल कर संजीव पर पीछे से गोली चला दी. उस ने वकीलों और पुलिस वालों के सामने ही अपने रिवाल्वर की सारी गोलियां संजीव के शरीर में उतार दीं. संयोग से उस समय जज साहब कोर्ट में नहीं थे.
गोली चलते ही कोर्टरूम के अंदर और बाहर अफरातफरी मच गई. संजीव के साथ आए पुलिस वालों में कुछ तो स्तब्ध खड़े रह गए तो कुछ जान पर खतरा देख कर बाहर की ओर भागे. गोली लगते ही संजीव लड़खड़ा कर दरवाजे के पास ही जमीन पर गिर गया. बाद में पता चला कि उस की मौत हो चुकी है, क्योंकि उसे अस्पताल ले जाने की कोशिश नहीं की गई.
वकीलों का तो यह भी कहना है कि पुलिस उस के मरने का इंतजार करती रही, इसलिए एंबुलेंस तक नहीं बुलाई गई. इस हमले में एक महिला, कुछ अन्य लोग और एक बच्ची भी घायल हो गई थी.
उस की हत्या करने वाला युवक अपना काम कर के भागना चाहता था. पर वह भाग पाता, उस के पहले ही कोर्टरूम में मौजूद वकीलों ने उसे दबोच लिया और लातघूंसों से उस की पिटाई शुरू कर दी. बाद में पुलिस ने किसी तरह हत्यारे को मार रहे लोगों के चंगुल से छुड़ाया और हिरासत में ले लिया. इस तरह संजीव जीवा का हत्यारा पकड़ा गया.
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin August 2023 sayısından alınmıştır.
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रेप के बाद नर्स का मर्डर
एक तरफ पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डाक्टर के साथ रेप और मर्डर की दरिंदगी का मामला पूरे देश में तूल पकड़े हुए था तो दूसरी तरफ उत्तराखंड में भी वैसी ही बर्बरता का मामला सामने आ गया. ड्यूटी से वापस अपने घर जा रही नर्स का अज्ञात लोगों ने अपहरण कर उस का रेप करने के बाद मर्डर कर दिया.
धार्मिक आयोजन के बाद हत्या
रायबरेली के नसीराबाद थाना क्षेत्र में 11 अगस्त, 2024 को अर्जुन पासी की हत्या धार्मिक आयोजन पर हुए विवाद को ले कर कर दी गई.
5 लाख के लालच में काट लाया सिर
अंधविश्वास में दिल्ली का एक युवक ऐसा फंसा कि उस ने दूसरे युवक की हत्या कर डाली. लालच 5 लाख रुपए बनाने का था, जो तंत्रमंत्र क्रिया पूरी होने के बाद मिलने वाले थे. इस के तहत एक युवक को किसी युवक का सिर काट कर लाने का औफर दिया गया था.
इंटरनैशनल किडनी गैंग
डा. डी. विजया राजकुमारी की देखरेख में चल रहा किडनी गैंग गरीब लोगों की किडनी 4-5 लाख में खरीद कर 35-40 लाख रुपए में बेचता था. आप भी जानें कि गैंग के सदस्य भारत के ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश के लोगों को किस तरह अपने जाल में फांस कर अपने काम को अंजाम देते थे.
ड्रम के नंबर से सुलझी मर्डर मिस्ट्री
हत्यारे ने 33 वर्षीय धर्मिष्ठा की हत्या कर ड्रम में डाल कर ऊपर से सीमेंट कंक्रीट का घोल भर दिया था, जिस से लाश पूरी तरह से सेट हो गई थी. आखिर, ड्रम के नंबर के आधार पर पुलिस हत्यारे तक पहुंच ही गई. कौन था हत्यारा, उस ने धर्मिष्ठा की हत्या क्यों की और लाश ठिकाने लगाने का उस ने ऐसा नायाब तरीका क्यों अपनाया?
सऊदी से लौटे प्रेमी को मौत का तोहफा
26 वर्षीय मोहम्मद वसीम अंसारी अपनी 17 वर्षीया गर्लफ्रेंड नरगिस से मिलने के लिए बेताब था. उस से मिलने की खातिर वह सऊदी अरब से इंडिया आया. यहां उस की 17 टुकड़ों में कटी लाश पुलिस ने बरामद की. आखिर किसने और क्यों की वसीम अंसारी की हत्या?
एक टुकड़ा सुख
संस्था में सुनील से मुलाकात के होने के बाद मुक्ता के मन में संस्था से निकल कर अपनी लाइफ को अपनी तरह से जीने की उम्मीद जागी थी. सुनील ने भी उस की सोच को नए पंख दे दिए थे. लेकिन यह पंख भी मुक्ता को एक टुकड़ा सुख से ज्यादा कुछ न दे सके.
7 अजूबों से कम नहीं ये होनहार बच्चे
प्रतिभा न तो उम्र की मोहताज होती है और न ही सुखसुविधाओं की कुछ करने का जज्बा और हौसला हो तो दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है. भारत के कम उम्र के कुछ बच्चों ने कुछ ऐसा कमाल अपनी प्रतिभा से कर दिखाया है कि दुनिया दांतों तले अंगुली दबा रही है.
प्रेमियों के साथ मिटाया सिंदूर
2 बच्चों की मां पूजा संखवार एक नहीं बल्कि 3-3 प्रेमियों के साथ गुलछर्रे उड़ा रही थी. ससुराल वालों ने जब उस पर लगाम लगाने की कोशिश की तो उस ने अपने तीनों प्रेमियों के साथ मिल कर ऐसी खूनी योजना को अंजाम दिया कि...
जांघ पर गुढे 22 टैटुओं में छिपा गुरु की मौत का रहस्य
स्पा सेंटर में सोशल एक्टिविस्ट गुरु सिद्धप्पा वाघमारे की हत्या की जांच करने पुलिस पहुंची तो वाघमारे की दोनों जांघों पर 22 नामों के टैटू गुदे हुए थे. जांच में पता चला कि वे सभी नाम उस के दुश्मनों के थे. रोमांच से भरी इस कहानी में आप भी जानें कि टैटुओं के सहारे हत्यारों तक कैसे पहुंची पुलिस?