6 जून, 2023 की सुबह लगभग साढ़े 7 बजे मनोहर लाल हर रोज की तरह अपने साथ 2 खच्चरों ले कर रोजीरोटी की तलाश में घर से निकला था. घर से निकलते समय उस ने बताया था कि वह अपना काम खत्म करने के बाद अपने एक परिचित से मिलने जाएगा, जिस के कारण घर आने में थोड़ा लेट भी हो सकता है.
15 दिन बाद उस की शादी की डेट फिक्स थी. उसी कारण उस के घर की कुछ मरम्मत का काम चल रहा था. शादी के कारण ही उस ने अपने परिचित से कुछ पैसों की व्यवस्था करने को कहा था. जिस के कारण वहां पर उस का जाना बहुत ही जरूरी था.
मनोहर लाल अपना काम खत्म कर अकसर शाम को 4-5 बजे तक घर पहुंच जाता था, लेकिन उस दिन वह शाम के 6 बजे तक भी घर नहीं पहुंचा तो उस के परिवार वाले चिंता करने लगे. फिर भी उन्होंने सोचा कि कुछ देर में आ जाएगा. लेकिन रात तक घर नहीं पहुंचा तो उसे ले कर घर वाले परेशान हो उठे. उन्होंने यह बात अपने पड़ोसियों के अलावा अपने कुछ रिश्तेदारों को भी बता दी थी.
उसी समय उन्होंने रिश्तेदारों के साथ मनोहर लाल की खोजबीन शुरू की. हालांकि मनोहर लाल अपने घर वालों से किसी परिचित के यहां जाने वाली बात कह कर गया था, लेकिन वह किस के पास गया था, यह नहीं जानते थे. यही कारण रहा कि रात भर घर वाले अपने रिश्तेदारों के साथ उसे इधरउधर ढूंढते रहे, लेकिन मनोहर लाल का कहीं भी पता नहीं चला.
उस के बाद घर वालों ने 7 जून, 2023 को अपने रिश्तेदारों के साथ हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के अंतर्गत किहार थाने में जा कर उस की गुमशुदगी दर्ज करा दी.
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin August 2023 sayısından alınmıştır.
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