![ट्रिपल मर्डर केस फेसबुकिया प्यार हुआ खूंखार](https://cdn.magzter.com/1400327965/1694172855/articles/JUL1zTJRN1694430817939/1694431294150.jpg)
21 वर्षीया संघमित्रा घोष असम के गोलाघाट शहर के हिंदू स्कूल रोड की रहने वाली थी. उस के परिवार में पापा संजीव घोष, मम्मी जुनू घोष के अलावा एक छोटी बहन अंकिता घोष थी. संघमित्रा घोष के पिता एक फैक्ट्री में मैनेजर थे. घर में हर तरह से खुशहाली थी. संघमित्रा ने साल 2020 में बीकौम की परीक्षा पास कर ली थी, उस का आगे का इरादा प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित हो कर एक अच्छी नौकरी पाने का था.
उसी दौरान कोरोना के कारण पूरे देश में अफरातफरी का माहौल हो गया था. अपनी जान बचाने के लिए सभी लोग अपनेअपने घरों में कैद हो कर रह गए थे.
अब घर में बैठेबैठे बोर होने के कारण लगभग सभी आयु वर्ग के लोग फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर अपना दिल बहलाने लगे थे. संघमित्रा एक दिन रात को अपने फेसबुक में व्यस्त थी, तभी उसे एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई. संजीव बोरा उस युवक का नाम था. फोटो में वह युवक काफी स्मार्ट नजर आ रहा था, संघमित्रा ने सोचा ऐसे ही कोई दिलफेंक युवक होगा, इसलिए उस ने उस की फ्रेंड रिक्वेस्ट रिजेक्ट कर दी. बात आईगई हो गई.
वैसे तो लगभग रोज ही संघमित्रा को 1015 लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट आती थीं, जिन में से अधिकतर उस की पुरानी सहेलियां और क्लासमेट या रिश्तेदारों की हुआ करती थीं. परंतु पिछले 10 दिन से लगातार संजीव बोरा की फ्रेंड रिक्वेस्ट रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी. संघमित्रा रोज उस की रिक्वेस्ट को रिजेक्ट कर देती थी, लेकिन संजीव बोरा ढीठ था, फिर दूसरे दिन संघमित्रा को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज देता था.
आखिरकार एक दिन संघमित्रा ने न जाने क्या सोच कर संजीव बोरा की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ही ली.
जैसे ही संघमित्रा ने संजीव बोरा की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार की, इस के अगले ही पल संजीव बोरा का मैसेज आ गया, "संघमित्रा जी, आप ने इतने दिन तरसाने के बाद मेरी आरजू पूरी कर ली. इस के लिए आप का बहुतबहुत शुक्रिया!"
"संजीवजी, इतनी जल्दी किसी पर एकदम से विश्वास कर लेना ठीक नहीं होता इसीलिए मैं किसी भी अपरिचित को इतनी जल्दी अपना दोस्त नहीं बनाती, "संघमित्रा ने लिखा.
"जी, आप ने सही कहा, मगर आप मुझ पर पूरा भरोसा कर सकती हैं." उधर से जबाब आया.
“आप करते क्या हैं? कितना पढ़ेलिखे हैं आप ?" संघमित्रा ने पूछा.
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin September 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin September 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
![महाभारत सीरियल के कृष्ण का आईएएस पत्नी संग पंगा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6501/1728498/8ByClSDJW1718100007137/1718100280848.jpg)
महाभारत सीरियल के कृष्ण का आईएएस पत्नी संग पंगा
'महाभारत' सीरियल में कृष्ण की भूमिका निभाने वाले नीतीश भारद्वाज ने अपनी आईएएस पत्नी स्मिता से पंगा ले लिया है. अभिनेता से संसद तक का सफर तय करने वाले नीतीश भारद्वाज और आईएएस पत्नी के बीच ऐसी क्या वजह रही कि उन के घर में ही महाभारत शुरू हो गई और मामला अदालत तक पहुंच गया.
![शहजादी की अधूरी मोहब्बत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6501/1728498/q-1YzylJ_1718099642712/1718100004791.jpg)
शहजादी की अधूरी मोहब्बत
बादशाह औरंगजेब की शहजादी जैबुन्निसा बहुत विद्वान थी. उस के दिल में अलगअलग समय पर तायाजाद भाई सुलेमान शिकोह, महाराजा छत्रसाल, शिवाजी महाराज और गवर्नर अकील खां रजी ने जगह बनाई, लेकिन इन में से उसे किसी का प्यार नसीब नहीं हुआ. आखिर ऐसी क्या वजह रही कि अपने अब्बा हुजूर की आंखों का तारा रही इस शहजादी को अपने प्यार के लिए तड़पना पड़ा?
![कान्स फिल्म महोत्सव में भारतीय सिनेमा की हुई बल्लेबल्ले](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6501/1728498/lvuQZfcDz1718099408225/1718099640116.jpg)
कान्स फिल्म महोत्सव में भारतीय सिनेमा की हुई बल्लेबल्ले
भारतीय सिनेमा के लिए इस बार का कान्स फिल्म महोत्सव पुरस्कारों, तालियों और तारीफों की झोली भरने वाला साबित हुआ. एक फिल्म और एक अदाकारा ने इतिहास रच डाला. फिल्म का प्रभाव ऐसा कि उस के खत्म होने पर 8 मिनट तक दर्शक तालियां बजाते रहे. उस फिल्म की निर्देशक पायल कपाड़िया को ग्रैंड प्रिक्स पुरस्कार मिला. मुंबई में रहने वाली 3 कामकाजी महिलाओं की मित्रता और जीवटता को दर्शाने वाली फिल्म 'औल वी इमेजिन ऐज लाइट' की जितनी भी तारीफ की जाए कम कही जाएगी.
![अस्पताल में कैंसर की दवा के नाम पर बेच रहे थे मौत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6501/1728498/JeLkYYuF31718099089535/1718099391654.jpg)
अस्पताल में कैंसर की दवा के नाम पर बेच रहे थे मौत
दिल्ली के नामी राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में अस्पताल के ही लोग बहुत महंगे मिलने वाले नकली इंजेक्शन बेच रहे थे. पैसे कमाने के लिए ये मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे थे. क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े गैंग के एक दरजन सदस्यों कल इंजेक्शन बनाने से ले कर बेचने तक की जो प्रक्रिया बताई, वह ऐसी चौंकाने वाली निकली कि.....
![22 साल से लापता बेटा जब संन्यासी बन कर लौटा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6501/1728498/d4LFEp4Ik1718098651533/1718099071153.jpg)
22 साल से लापता बेटा जब संन्यासी बन कर लौटा
रतिपाल का 11 वर्षीय लापता बेटा अरुण 22 साल बाद जब संन्यासी बन कर उन्हीं के दरवाजे पर भिक्षा लेने पहुंचा तो उन के साथसाथ गांव वाले भी अचंभित हो गए. रतिपाल बेटे को संन्यास आश्रम से गृहस्थ आश्रम में लाने की तैयारी कर रहे थे कि उसी समय उन्हें उस संन्यासी की ऐसी सच्चाई पता चली कि....
![संतान प्राप्ति के लिए नरबलि दोषियों को उम्रकैद](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6501/1728498/egs7n2Dd-1718098253855/1718098635843.jpg)
संतान प्राप्ति के लिए नरबलि दोषियों को उम्रकैद
भले ही हम चांद पर क्यों न पहुंच गए हों, लेकिन तमाम लोग आज भी अंधविश्वास में कड़े हुए हैं. तभी तो गोद भरने के लिए कानपुर में एक बच्ची की न सिर्फ बलि दी गई, बल्कि पतिपत्नी ने उस के कलेजे को कच्चा खाया. पढ़िए, रोंगटे खड़े कर देने वाली यह सोशल कहानी.
![प्यार में हुई संतकबीर नगर की नेत्री की हत्या](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6501/1728498/Q9C74EMQQ1718097965517/1718098248887.jpg)
प्यार में हुई संतकबीर नगर की नेत्री की हत्या
28 वर्षीय नंदिनी राजभर बला की खूबसूरत के साथ एक राजनीतिक पार्टी की प्रदेश महासचिव थी. इसी दौरान उसे 27 वर्षीय साहुल राजभर से प्यार हो गया. वह उसे जीवनसंगिनी बनाना चाहता था, फिर ऐसा क्या हुआ कि नंदिनी को दिलोजान से चाहने वाला यह आशिक उस का हत्यारा बन गया?
![मुसलिम देश की मौडल्स का स्विमसूट में जलवा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6501/1728498/eTxtin4F21718097822948/1718097964256.jpg)
मुसलिम देश की मौडल्स का स्विमसूट में जलवा
परदे और पहनावे को ले कर बेहद संजीदा रहने वाले मुसलिम देशों की औरतों को बुरके से अपना चेहरा छिपाना पड़ता है. खास कर सऊदी अरब की मुसलिम महिलाओं को ढंकी देह वाली पोशाकें और उन के सार्वजनिक स्थानों में उठने बैठने या विभिन्न आयोजनों में शामिल होने को ले कर कई तरह की पाबंदियों से हो कर गुजरना पड़ता है.
![सीतापुर सामूहिक हत्याकांड खुशियों में खूनी खलल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6501/1728498/AyKtTMS0n1718097392696/1718097818536.jpg)
सीतापुर सामूहिक हत्याकांड खुशियों में खूनी खलल
अच्छी खासी 100 बीघे में खेतीबाड़ी. बंपर उपज लाखों का सालाना टर्नओवर. किसानी और नौकरी करने वाला भरापूरा शिक्षित परिवार. दोमंजिला आलीशान मकान. परिवार के लोगों के पास अपनी अपनी गाड़ियां... एक दिन उन की खुशहाली और खुशियों में ऐसी 'खूनी खलल पड़ी कि उस का कारण ढूंढने पुलिस महकमा जुट गया. पढ़ें, घर के ही एक सदस्य द्वारा 6 लोगों की हत्या की दिल दहला देने वाली पूरी कहानी.
![बांग्लादेशी सांसद के किए 80 टुकड़े](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6501/1728498/nEDAaE6iC1718097044065/1718097388979.jpg)
बांग्लादेशी सांसद के किए 80 टुकड़े
कसाई द्वारा 80 टुकड़ों में काटे गए बांग्लादेशी सांसद अनवारुल अजीम की हत्या की तह में कई कहानियां हैं. सोने की तसकरी से ले कर हनीट्रैप, प्रेम प्रसंग, बचपन के दोस्त की साजिश और 5 करोड़ की सुपारी! कैसे हुई वारदात ? कैसे हुआ खुलासा? क्या ढाका की डीबी और पश्चिम बंगाल पुलिस को मिले सांसद के 80 टुकड़े ? कितनी उलझी थी ढाका और कोलकाता से जुड़ी इस वारदात की गुत्थी? पढ़ें, रोंगटे खड़ी कर देने वाली कहानी.