दरवाजा नहीं खुला तो मनजोत के दोस्त ने अपने अन्य दोस्तों को बुला लिया. सभी ने वार्डन यानी हौस्टल के इंचार्ज को सूचना दी. अनहोनी के बारे में सोच कर वार्डन ने हौस्टल प्रशासन और थाना विज्ञान नगर पुलिस को सूचना दी. सभी ने आ कर दरवाजा तोड़ा तो अंदर 18 साल के मासूम मनजोत सिंह की लाश पड़ी थी.
मनजोत सिंह की मौत की खबर उस के दोस्त ने घर वालों को बता दी. घर वालों के पहुंचने पर जब पुलिस कमरे में घुसी तो मनजोत की लाश बैड पर पड़ी थी. उस के दोनों हाथ पीछे बंधे थे. उस के मुंह पर पौलीथिन बंधी थी. कमरे में पीले रंग की 3 पर्चियों पर अंगरेजी में सुसाइड नोट लिखा था. एक परची पर केवल 'सौरी' लिखा था तो दूसरी परची पर 'हैप्पी बर्थडे पापा' लिखा था और तीसरी परची पर लिखा था कि 'मैं ने जो भी किया है, अपनी मरजी से किया है तो प्लीज मेरे दोस्तों और पेरेंट्स को परेशान न करें.'
घर वालों के सामने पुलिस ने मनजोत की लाश कब्जे में ले कर पोस्टमार्टम के लिए कोटा के एमबीएस अस्पताल भिजवा दी. इस के बाद घर वालों ने मोर्चरी पर जा कर हंगामा शुरू कर दिया.
मनजोत के घर वालों ने कोचिंग संस्थान, हौस्टल के केयरटेकर और उस के एक क्लासमेट पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मनजोत ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उस की हत्या की गई है.
यह कहानी है उत्तर प्रदेश के शहर रामपुर के रहने वाले मनजोत सिंह की, जो कोटा में रह कर कोचिंग कर रहा था. 10वीं में अच्छे नंबर आते ही हरजोत सिंह छाबड़ा ने तय कर लिया था कि वह अपने बेटे मनजोत सिंह को डाक्टर बनाएंगे. इस के लिए उन्होंने बेटे से कह भी दिया था कि वह 12वीं में खूब मेहनत करे.
मनजोत भी डाक्टर बनना चाहता था, इसलिए उस ने 12वीं में जम कर मेहनत की. बेटे को पढ़ाई में कोई दिक्कत न हो, इस के हरजोत सिंह ने उस का दाखिला एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में भी करा दिया था.
अब मनजोत सुबह स्कूल जाता. स्कूल से लौट कर खापी कर होमवर्क करने बैठ जाता. जितना होमवर्क हो पाता, उतना करता. होमवर्क करतेकरते ही कोचिंग जाने का समय हो जाता. कभी होमवर्क कम रहता तो कभी पूरा हो जाता. जिस दिन होमवर्क ज्यादा होता, छोड़ कर कोचिंग चला जाता था.
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin October 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin October 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
तांत्रिक के बहकावे में दी बेटी की बलि
मामला मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र का है. यहां बेलदा गांव में रहने वाला गोपाल कश्यप और उस की बीवी ममता पर अपनी एक माह की बेटी की बलि देने का आरोप है. पुलिस के अनुसार दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है.
दूसरे धर्म के प्रेमी ने की हत्या
सलीम नाम के युवक ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर 19 साल की अपनी प्रेग्नेंट प्रेमिका की हत्या कर शव दफना दिया. को खुलासा तब हुआ, जब 26 अक्तूबर किशोरी का शव बरामद किया गया.
बीवी की हत्या से खुला दोस्त की पत्नी की हत्या का राज
बीवी ब्यूटीशियन और पति एक नंबर का नशेड़ी और बेशर्म. ऊपर निकम्मा व बेरोजगार. आखिर कितने दिन निभती. उन की जिंदगी के मैदान से ले कर मन तक में भी कोहराम मच गया था.
भाई ने कर दी भाई की हत्या
भाभी का देवर से हंसीमजाक बहुत ही 'सामान्य बात है, किंतु यही जब अवैध संबंध में बदल जाता है, तब मानो दोनों के सिर से पानी गुजरने जैसी स्थिति बन जाती है.
हनीट्रैप गैंग में ऐसे फंसते थे लोग
जेल से छूटने के बाद फिरोज ने 7 लोगों के साथ हनीट्रैप का एक गैंग बना लिया था. गैंग में शामिल निशा और जुनैदा फोन से नए लोगों से बात कर दोस्ती करतीं और शारीरिक संबंध बनाने के लिए किसी होटल में बुलाती थीं. इस के आगे का काम गैंग के अन्य सदस्य करते थे. फिर शुरू होती थी शिकार से लाखों रुपए की वसूली. आप भी जानें कि ऐसे गैंग से कैसे बचा जाए?
बड़ौदा के महाराजा का जहरीला कारनामा
बड़ौदा के 11वें शासक मल्हारराव गायकवाड़ के शासन में गुंडागर्दी और अराजकता चरम पर पहुंच गई थी. तब अंगरेज शासकों ने राबर्ट फेयर को रेजीडेंट के रूप में नियुक्त किया. लेकिन मल्हारराव ने जिस तरह राबर्ट फेयर को मारने की कोशिश की, वह उन्हीं के गले की ऐसी फांस बन गई कि .....
महानगरों में जड़ें जमाता ड्रग्स का कारोबार
गुजरात ऐसा राज्य है, जहां पर सुशासन क दुहाई देने वाली भाजपा की सरकार लंबे समय से है. इस के बावजूद इस राज्य के बंदरगाह पर भारी मात्रा में ड्रग्स पकड़ी जा रही है. यहीं से ड्रग्स अन्य राज्यों में पहुंचाई जाती है. महानगरों के युवा बड़ी तेजी से ड्रग्स की गिरफ्त में आखिर क्यों आते जा रहे हैं?
साधु के भेष में मिला 300 करोड़ का घोटालेबाज
300 करोड़ रुपए का घोटाला कर एक क्रेडिट सोसाइटी का डायरेक्टर साधु बन कर मंदिरों में प्रवचन करने लगा. पुलिस की आंखों में 14 महीने से धूल झोंक रहे इस नटवरलाल को दबोचने के लिए आखिर कैसा कैसा चोला धारण करना पड़ा? पढ़िए, इस रोचक कहानी में....
इश्क में अंधे वकील ने ली बीवी की जान
कहने को तो विशाल चौहान कानून का रखवाला था, लेकिन उस ने बीवी बच्चों के रहते न सिर्फ छोटे भाई की पत्नी को फांस रखा था, बल्कि दोस्त की बहन से शादी करने की तैयारी कर रहा था. एक ने वकील होते हुए उस ने कानून तोड़ने का जो दुस्साहस किया था, उस के अंजाम में उस की 35 वर्षीय पत्नी वर्षा गोलियों का शिकार हो गई. आखिर किस कदर बिछती चली गई जुर्म की बिसात? पढ़ें, सब कुछ इस कथा में....
विवाहिता के प्यार में 4 हत्याएं
सरकारी टीचर सुनील गौतम अपनी पत्नी पूनम भारती और 2 बेटियों के साथ अमेठी में रहता था. वह अपने काम से काम रखता था. फिर एक दिन किसी ने सुनील, उस की पत्नी और दोनों बेटियों को घर में घुस कर गोलियों से भून डाला. आखिर कौन था हत्यारा और क्यों की उस ने ये हत्याएं ?