इस फरवाड़े का जन्म 1998 में हुआ, जिस की नींव आगरा के लोटस इंस्टीट्यूट में पड़ी थी. लोमड़ी से भी शातिर दिमाग वाले पंकज पोरवाल ने मैडिकल लाइन में अपना पहला कदम रखा और आयुष पैरामैडिकल काउंसिल औफ इंडिया की नींव रखी. पंकज पोरवाल ने सन 2013 में दिल्ली के एनसीबी चिट फंड संस्थान से अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पैरामैडिकल का रजिस्ट्रेशन कराया.
अब्दुल कलाम ग्रुप औफ इंस्टीट्यूट पैरामैडिकल की फ्रेंचाइजी लेने के लिए लोगों का तांता लगने लगा. एक फ्रेंचाइजी के लिए 3 से 4 लाख रुपए तय हुआ था. रेवड़ी की तरह फ्रेंचाइजी बांटने का काम उत्तर प्रदेश से शुरू किया गया था.
जांचपड़ताल में पता चला कि फरजी पैरामैडिकल बोर्ड के जरिए उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि बिहार, उत्तराखंड और पंजाब समेत कुल 427 फरजी कालेज खोले गए. फ्रेंचाइजी के नाम पर मोटी रकम वसूली गई.
उस दिन 10 सितंबर, 2023 की तारीख थी. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने कैंट सर्किल के एएसपी (ट्रेनी) मानुष पारिख की अगुवाई में एक टीम को इस गोरखधंधे के मुख्य आरोपी पंकज पोरवाल को गिरफ्तार करने के लिए आगरा के शाहगंज थाने रवाना किया था.
दरअसल, गोरखपुर जिले के चौरीचौरा के रहने वाले विजय प्रताप सिंह ने जुलाई 2023 में अदालत में सीआरपीसी की धारा 156 (3) के अंतर्गत एक वाद दाखिल किया था.
कोर्ट में दाखिल वाद में उन्होंने आरोप लगाया था कि साल 2020 में उस ने पंकज पोरवाल को करीब साढ़े 3 लाख रुपए दे कर अब्दुल कलाम पैरामैडिकल इंस्टीट्यूट की फ्रेंचाइजी ली थी और कुशीनगर जिले के हाटा कस्बे में जननी पैरामैडिकल नर्सिंग साइंस कालेज के नाम पर उसे संचालित करता रहा.
बाद के दिनों में पता चला कि उस के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है. उस ने जो फ्रेंचाइजी पंकज पोरवाल से ली थी, वो फरजी निकला. फिर उस ने कसया थाने में डायरेक्टर पंकज पोरवाल के खिलाफ एक तहरीर दी, जिस का परिणाम यह निकला था कि पुलिस ने उस का मुकदमा दर्ज करने के बजाय उसे ही जेल की सलाखों के पीछे धकेल दिया था.
जेल से जमानत पर छूटने के बाद विजय प्रताप सिंह ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था और कोर्ट के माध्यम से चौरीचौरा थाने में डायरेक्टर पंकज पोरवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin January 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin January 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
रेप के बाद नर्स का मर्डर
एक तरफ पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डाक्टर के साथ रेप और मर्डर की दरिंदगी का मामला पूरे देश में तूल पकड़े हुए था तो दूसरी तरफ उत्तराखंड में भी वैसी ही बर्बरता का मामला सामने आ गया. ड्यूटी से वापस अपने घर जा रही नर्स का अज्ञात लोगों ने अपहरण कर उस का रेप करने के बाद मर्डर कर दिया.
धार्मिक आयोजन के बाद हत्या
रायबरेली के नसीराबाद थाना क्षेत्र में 11 अगस्त, 2024 को अर्जुन पासी की हत्या धार्मिक आयोजन पर हुए विवाद को ले कर कर दी गई.
5 लाख के लालच में काट लाया सिर
अंधविश्वास में दिल्ली का एक युवक ऐसा फंसा कि उस ने दूसरे युवक की हत्या कर डाली. लालच 5 लाख रुपए बनाने का था, जो तंत्रमंत्र क्रिया पूरी होने के बाद मिलने वाले थे. इस के तहत एक युवक को किसी युवक का सिर काट कर लाने का औफर दिया गया था.
इंटरनैशनल किडनी गैंग
डा. डी. विजया राजकुमारी की देखरेख में चल रहा किडनी गैंग गरीब लोगों की किडनी 4-5 लाख में खरीद कर 35-40 लाख रुपए में बेचता था. आप भी जानें कि गैंग के सदस्य भारत के ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश के लोगों को किस तरह अपने जाल में फांस कर अपने काम को अंजाम देते थे.
ड्रम के नंबर से सुलझी मर्डर मिस्ट्री
हत्यारे ने 33 वर्षीय धर्मिष्ठा की हत्या कर ड्रम में डाल कर ऊपर से सीमेंट कंक्रीट का घोल भर दिया था, जिस से लाश पूरी तरह से सेट हो गई थी. आखिर, ड्रम के नंबर के आधार पर पुलिस हत्यारे तक पहुंच ही गई. कौन था हत्यारा, उस ने धर्मिष्ठा की हत्या क्यों की और लाश ठिकाने लगाने का उस ने ऐसा नायाब तरीका क्यों अपनाया?
सऊदी से लौटे प्रेमी को मौत का तोहफा
26 वर्षीय मोहम्मद वसीम अंसारी अपनी 17 वर्षीया गर्लफ्रेंड नरगिस से मिलने के लिए बेताब था. उस से मिलने की खातिर वह सऊदी अरब से इंडिया आया. यहां उस की 17 टुकड़ों में कटी लाश पुलिस ने बरामद की. आखिर किसने और क्यों की वसीम अंसारी की हत्या?
एक टुकड़ा सुख
संस्था में सुनील से मुलाकात के होने के बाद मुक्ता के मन में संस्था से निकल कर अपनी लाइफ को अपनी तरह से जीने की उम्मीद जागी थी. सुनील ने भी उस की सोच को नए पंख दे दिए थे. लेकिन यह पंख भी मुक्ता को एक टुकड़ा सुख से ज्यादा कुछ न दे सके.
7 अजूबों से कम नहीं ये होनहार बच्चे
प्रतिभा न तो उम्र की मोहताज होती है और न ही सुखसुविधाओं की कुछ करने का जज्बा और हौसला हो तो दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है. भारत के कम उम्र के कुछ बच्चों ने कुछ ऐसा कमाल अपनी प्रतिभा से कर दिखाया है कि दुनिया दांतों तले अंगुली दबा रही है.
प्रेमियों के साथ मिटाया सिंदूर
2 बच्चों की मां पूजा संखवार एक नहीं बल्कि 3-3 प्रेमियों के साथ गुलछर्रे उड़ा रही थी. ससुराल वालों ने जब उस पर लगाम लगाने की कोशिश की तो उस ने अपने तीनों प्रेमियों के साथ मिल कर ऐसी खूनी योजना को अंजाम दिया कि...
जांघ पर गुढे 22 टैटुओं में छिपा गुरु की मौत का रहस्य
स्पा सेंटर में सोशल एक्टिविस्ट गुरु सिद्धप्पा वाघमारे की हत्या की जांच करने पुलिस पहुंची तो वाघमारे की दोनों जांघों पर 22 नामों के टैटू गुदे हुए थे. जांच में पता चला कि वे सभी नाम उस के दुश्मनों के थे. रोमांच से भरी इस कहानी में आप भी जानें कि टैटुओं के सहारे हत्यारों तक कैसे पहुंची पुलिस?