शाम का वक्त था. मुंबई के जुई नगर रेलवे स्टेशन पर काफी चहलपहल थी. ट्रेनें आतीं, रुकतीं और सवारियां उतरतींचढ़तीं फिर ट्रेन आगे बढ़ जाती. उसी क्रमानुसार जैसे ही रेलवे ट्रैक पर एक लोकल ट्रेन आती दिखाई दी, यात्रियों में हलचल बढ़ गई थी. उस वक्त अधिकांश यात्रियों की निगाहें आती ट्रेन पर ही जमी हुई थीं.
जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर आ कर रुकी, यात्री उस में चढ़ने उतरने के लिए आपाधापी करने लगे थे. तभी उसी भीड़ में से निकल कर एक युवक रेलवे ट्रैक की तरफ बढ़ गया था. जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म से आगे बढ़ी, उस युवक ने चलती ट्रेन के आगे छलांग लगा दी. उस के बाद ट्रेन आगे बढ़ गई.
कुछ देर पहले तक जो युवक जिंदा था, अब रेलवे ट्रैक पर उस का शव ही पड़ा था. उस के बाद रेल के पायलट ने इस दुर्घटना की सूचना रेलवे स्टेशन अधिकारी गजेंद्र सिंह को दी.
थोड़ी देर बाद ही घटनास्थल पर रेलवे पुलिस पहुंची और अपनी काररवाई कर इस की सूचना जुई नगर थाने को दी. उस के तुरंत बाद ही वहां पर काफी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई थी. लेकिन लोगों की समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि युवक ने इस तरह रेल के आगे कूद कर आत्महत्या क्यों की थी.
पुलिस ने उस युवक की तलाशी ली तो उसकी जेब से कुछ पेपरों के साथ कुछ रुपए और एक मोबाइल फोन मिला. उन पेपरों से उस युवक की शिनाख्त भी हो गई। थी. मृतक युवक का नाम वैभव बुरुंगले था और वह कलंबोली का रहने वाला था.
रेलवे स्टेशन अधिकारी गजेंद्र सिंह ने तुरंत ही एक एंबुलेंस को बुलाया, फिर पुलिस ने मौके की कारवाई पूरी कर लाश को हौस्पिटल पहुंचाया. चूंकि युवक ने चलती ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या की थी, इसी कारण जीआरपी पुलिस ने वैभव बुरुंगले की मौत के मामले में आत्महत्या का केस दर्ज कर लिया था. यह बात 12 दिसंबर, 2023 की है.
पुलिस भी उलझ गई L01, 501 कोड में
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin August 2024 sayısından alınmıştır.
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