इंद्रकुमार मेघवाल को पानी पीने की मटकी छूने के चलते बेरहमी से पीटा गया था. यह घटना 20 जुलाई, 2022 की है. तकरीबन 25 दिन के इलाज के बाद बच्चे ने अहमदाबाद में दम तोड़ दिया था. आरोपी शिक्षक छैल सिंह भौमिया को गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया गया.
'एक टीचर ने बकाया फीस की वजह से पीटपीट कर बच्चे को मार डाला', 'एक शिक्षिका ने बच्चे के मुंह में डंडा घुसेड़ कर उसे अधमरा कर दिया'... इस तरह की आसपास हिंसा की ऐसी ही और भी वारदातें हो रही हैं.
दुख और शर्म की बात यह है कि यह देश सदियों से जाति और जैंडर आधारित हिंसा झेल रहा है और लोग जाति और धर्म का झूठा गौरवगान कर रहे हैं.
इंद्रकुमार मेघवाल की हत्या पर इंसाफ मांग रहे लोगों पर फिर दमन की लाठियां चलीं और कुछ दलितों का भी खून बहाया गया. मारे गए छात्र के शोक में डूबे परिवार वालों को भी लाठियों का शिकार होना पड़ा.
सिस्टम इतना असंवेदनशील है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के विधायक पानाचंद मेघवाल ने अपनी विधायकी से इस्तीफा देना उचित समझा.
आरोपी शिक्षक छैल सिंह भौमिया राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखता है. वह अपने एक पार्टनर के साथ इस स्कूल का संचालक और हैडमास्टर भी था.
गांव सुराणा के इस सरस्वती विद्या मंदिर में सभी जातियों के तकरीबन 350 छात्र पढ़ रहे हैं. यह गांव भौमिया राजपूत समुदाय की बहुलता वाला है, पर स्कूल में दलित विद्यार्थियों के साथसाथ दलित व आदिवासी शिक्षक भी नियुक्त हैं और इस स्कूल का एक पार्टनर तो जीनगर है, जो दलित समुदाय का ही है.
इंद्रकुमार मेघवाल ने स्कूल के हैडमास्टर छैल सिंह भौमिया के लिए रखी पानी पीने की मटकी से पानी पी लिया था और इस से आगबबूला हैडमास्टर ने मासूम बच्चे के साथ मारपीट की. जिस से उस के दाएं कान और आंख पर गंभीर चोट आई और उस की नस फट गई.
Bu hikaye Saras Salil - Hindi dergisinin September Second 2022 sayısından alınmıştır.
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