अब बात करते हैं मुकेश कुमार की. मेरठ के रहने वाले इस शख्स को एक दिन एक अनजान मोबाइल नंबर से फोन आया, "पहचाना मुकेश भाई?”
मुकेश कुमार अपनी ही धुन में था. उस ने मन ही मन अंदाजा लगा लिया कि यह तो उस का फलां पड़ोसी है और बोला, "बोलिए भाई साहब, कैसे याद किया?"
उधर से आवाज आई, “अरे मुकेश भाई, क्या तुम फोन से पैसे ट्रांसफर करते हो? दरअसल, मुझे किसी से पैसे लेने हैं और वह बोल रहा है कि औनलाइन ट्रांसफर कर देगा. मैं कोई एप नहीं इस्तेमाल करता. लिहाजा, तुम्हारे खाते में पैसे आ जाएंगे. फिर बाद में मैं तुम से ले लूंगा."
इस बात को पुख्ता करने के लिए मुकेश के बैंक अकाउंट में पहले एक रुपया डाला गया. जब उसे तसल्ली हो गई, तो उस से बैंक खाते से जुड़ी कुछ डिटेल ली गई और फिर थोड़ी ही देर में उस का बैंक अकाउंट एकदम खाली हो गया. कहां तो उस के खाते में 25,000 रुपए आने थे, पर अब उस की मेहनत की कमाई के 30,000 रुपए भी साफ हो गए थे.
Bu hikaye Saras Salil - Hindi dergisinin November First 2022 sayısından alınmıştır.
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