फिर कुछ लोगों ने उन के दिमाग में भर दिया कि उन्हें कलाकार बनना चाहिए. तब साल 2015 में महज 21 साल की उम्र में प्रदीप खड़का ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी 'प्रदीप मीडिया प्राइवेट लिमिटेड' का रजिस्ट्रेशन करा कर नेपाली भाषा की 2 कम बजट वाली फिल्में 'कुल्ले मंझे' और 'एस्केप' बनाई. इन में से फिल्म 'एस्केप' में उन्होंने ऐक्टिंग भी की, लेकिन ज्यादा कामयाबी नहीं मिली.
इस सब के बावजूद एक फिल्मकार ने प्रदीप खड़का को एक नेपाली फिल्म 'प्रेम गीत' में हीरो बना दिया. इस फिल्म ने कामयाबी के सारे रिकौर्ड तोड़ते हुए प्रदीप खड़का को सुपरस्टार बना दिया.
इस के बाद प्रदीप खड़का 'प्रेम गीत 2' में नजर आए. इस फिल्म ने भी कामयाबी का परचम लहराया. फिर फिल्म 'प्रेम गीत 3' बनी, जिसे हिंदी में भी डब कर के 23 सितंबर, 2022 को नेपाल, भारत व दूसरे देशों में रिलीज किया गया, जिसे खूब पसंद भी किया गया. पेश हैं, प्रदीप खड़का से हुई बातचीत के खास अंश :
आप की फिल्म 'प्रेम गीत 3' प्यार में कुरबान होने की भावना वाली कहानी पर बनी है. यह कहानी तो आज के जमाने की भी हो सकती थी. ऐसे में इसे 18वीं सदी के पीरियड में क्यों रखा गया?
Bu hikaye Saras Salil - Hindi dergisinin November First 2022 sayısından alınmıştır.
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भोजपुरी सिनेमा की टूटती जोड़ियां
भोजपुरी सिनेमा में यह बात जगजाहिर है कि हीरोइनों का कैरियर केवल भोजपुरी ऐक्टरों के बलबूते ही चलता रहा है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में भोजपुरी के टौप ऐक्टरों के हिसाब से ही फिल्मों में हीरोइनों को कास्ट किया जाता है.
गुंजन जोशी तो 'फाड़' निकले
\"दिल्ली के नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ऐक्टिंग की ट्रेनिंग ले कर आया तो था ऐक्टर बनने, पर बन गया फिल्म स्टोरी राइटर. इस फील्ड में भी मुझे दर्शकों और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का प्यार मिला, क्योंकि मेरा शौक एक आर्टिस्ट बनना ही था, जिस में राइटिंग, डायरैक्शन, ऐक्टिंग सब शामिल रहा है. मेरे आदर्श गुरुदत्त हैं, क्योंकि उन्होंने लेखन से ले कर अभिनय तक सब किया और दोनों में कामयाब रहे,\" यह कहना है गुंजन जोशी का.
सैक्स रोगों की अनदेखी न करें
सैक्स से जुड़े रोग आदमी और औरत दोनों में सैक्स के प्रति अरुचि बढ़ाते हैं. इस के साथ ही ये शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की परेशानियों को भी बढ़ाते हैं.
एक थप्पड़ की कीमत
वैसे तो रवि अपने एकलौते बेटे सोहम को प्यार करता था, पर जबतब उसे थप्पड़ भी मार देता था. एक दिन उस ने फिर वही सब दोहराया, लेकिन यह थप्पड़ उस पर ही भारी पड़ गया. लेकिन कैसे?
वर्मा साहब गए पानी में
वर्मा साहब की रिटायरमैंट गाजेबाजे के साथ हुई. घर पर दावत भी दी गई, पर उस के बाद उन की पत्नी ने ऐसा बम फोड़ा कि वर्मा साहब के कानों तले की जमीन खिसक गई...
नाजायज संबंध औनलाइन ज्यादा महफूज
सदियों से मर्दऔरतों में नाजायज संबंध बनते आए हैं. अब तो इस तरह के एप आ गए हैं, जहां औनलाइन डेटिंग की जा सकती है. इसे एक सुरक्षित तरीका बताया जाता है. क्या वाकई में ऐसा है?
कत्ल करने से पीछे नहीं हट रही पत्नियां
एक पारिवारिक झगड़े के मसले पर फैसला देते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की है कि \"बीते डेढ़ दशक में प्रेम प्रसंगों के चलते होने वाली हत्याओं की दर बढ़ी है, जिस से समाज पर बुरा असर पड़ा है. इस पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है.'
आसाराम का ढहता साम्राज्य
आसाराम के संदर्भ में आज का समय हमेशा याद रखने लायक हो गया है, क्योंकि धर्म के नाम पर अगर कोई यह समझेगा कि वह देश की जनता और कानून को ठेंगा बताता रहेगा, तो उस की हालत भी आसाराम बापू जैसी होनी तय है.
अडाणीजी यह राष्ट्रवाद क्या है ?
जिस तरह भारत के बड़े रुपएपैसे वाले, चाहे अडाणी हों या अंबानी की जायदाद बढ़ती चली जा रही है और दुनिया के सब से बड़े पूंजीपतियों की गिनती में इन को शुमार किया जाने लगा है, उस से यह संकेत मिलने लगा था कि कहीं न कहीं तो दो और दो पांच है.
सोशल मीडिया: 'पठान' के बहाने नफरती ट्रैंड का चलन
सुनामी चाहे कोई समुद्र उगले या कोई फिल्म, ज्वार का जोश ठंडा होने पर ही पता चलता है कि तबाही किस हद तक की थी. कुछ ऐसा ही महसूस हुआ फिल्म 'पठान' को ले कर.