जवाब है यहां का सिरैमिक टाइल्स का कारोबार, जो देशभर में 'सिरैमिक टाइल्स उत्पादन का हब' माना जाता है. यहां 70 से 80 फीसदी से ज्यादा टाइल्स और सैनेटरी से जुड़े दूसरे सामान बनाए जाते हैं.
मोरबी में ऐसी तकरीबन 1,000 इकाइयां हैं, जिन में 400 से ज्यादा इकाइयां खाड़ी देशों में अपने यहां बने सामान बेचती हैं. इस के अलावा ज्यादातर इकाइयां यूक्रेन से लगते पूर्वी यूरोपीय देशों जैसे पोलैंड, हंगरी, आस्ट्रिया, स्लोवाकिया के साथसाथ मध्य एशियाई देशों को अपना बना सामान बेचती हैं. इस उद्योग की वजह से यहां 4 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है.
अगर रूस और यूक्रेन की लड़ाई और लंबी खिंचती है तो इस का बुरा असर गुजरात में मोरबी के सिरैमिक उद्योग पर भी पड़ सकता है और यहां जो मजबूत कारोबारी मंच बना है, वह भरभरा कर गिर सकता है.
गिरा तो मोरबी में और भी कुछ है। और ऐसा गिरा कि कई लोगों की जान ले बैठा. दरअसल, रविवार, 30 अक्तूबर, 2022 की शाम को मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए थे. यह ब्रिज रिनोवेशन के बाद हाल ही में चालू किया गया था.
वैसे, यह केबल ब्रिज काफी पुराना बताया जा रहा है. राजामहाराजाओं के समय का यह पुल ऋषिकेश के 'राम झूला' और 'लक्ष्मण झूला' पुल की तरह झूलता हुआ सा नजर आता था, इसलिए इसे 'झूलता पुल' भी कहते थे.
मोरबी का यह ऐतिहासिक पुल गुजरात पर्यटन स्थलों की सूची में दर्ज है. कहते हैं कि सालों तक इस पुल का रखरखाव स्थानीय नगरपालिका द्वारा किया गया, लेकिन हाल के सालों में फंड की कमी होने पर इस पुल को बंद कर दिया गया था.
नगरपालिका ने सरकारी टैंडर के जरीए ओरेवा कंपनी को अगले 15 साल तक इस के रखरखाव करने की जिम्मेदारी दी थी. इस के बाद ओरेवा ग्रुप के जय सुख पटेल ने निजी कैपेसिटी से पैसा लगा कर जिंदल ग्रुप से इस ब्रिज को बनवाया.
फिलहाल जो जानकारी सामने आई है, उस के मुताबिक, ओरेवा ग्रुप ने के रिनोवेशन के लिए जिंदल ग्रुप को 8 करोड़ रुपए दिए थे. तकरीबन 7 महीने बंद रहने के बाद गुजरातियों के 'नए साल' पर इस ब्रिज को खोला गया था..
पुल पर लोगों को टिकट के बाद प्रवेश दिया गया. 18 साल से ऊपर के लोगों के टिकट 17 रुपए और इस उम्र से नीचे के किशारों और बच्चों का टिकट 12 रुपए रखा गया था.
Bu hikaye Saras Salil - Hindi dergisinin November Second 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Saras Salil - Hindi dergisinin November Second 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
भोजपुरी सिनेमा की टूटती जोड़ियां
भोजपुरी सिनेमा में यह बात जगजाहिर है कि हीरोइनों का कैरियर केवल भोजपुरी ऐक्टरों के बलबूते ही चलता रहा है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में भोजपुरी के टौप ऐक्टरों के हिसाब से ही फिल्मों में हीरोइनों को कास्ट किया जाता है.
गुंजन जोशी तो 'फाड़' निकले
\"दिल्ली के नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ऐक्टिंग की ट्रेनिंग ले कर आया तो था ऐक्टर बनने, पर बन गया फिल्म स्टोरी राइटर. इस फील्ड में भी मुझे दर्शकों और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का प्यार मिला, क्योंकि मेरा शौक एक आर्टिस्ट बनना ही था, जिस में राइटिंग, डायरैक्शन, ऐक्टिंग सब शामिल रहा है. मेरे आदर्श गुरुदत्त हैं, क्योंकि उन्होंने लेखन से ले कर अभिनय तक सब किया और दोनों में कामयाब रहे,\" यह कहना है गुंजन जोशी का.
सैक्स रोगों की अनदेखी न करें
सैक्स से जुड़े रोग आदमी और औरत दोनों में सैक्स के प्रति अरुचि बढ़ाते हैं. इस के साथ ही ये शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की परेशानियों को भी बढ़ाते हैं.
एक थप्पड़ की कीमत
वैसे तो रवि अपने एकलौते बेटे सोहम को प्यार करता था, पर जबतब उसे थप्पड़ भी मार देता था. एक दिन उस ने फिर वही सब दोहराया, लेकिन यह थप्पड़ उस पर ही भारी पड़ गया. लेकिन कैसे?
वर्मा साहब गए पानी में
वर्मा साहब की रिटायरमैंट गाजेबाजे के साथ हुई. घर पर दावत भी दी गई, पर उस के बाद उन की पत्नी ने ऐसा बम फोड़ा कि वर्मा साहब के कानों तले की जमीन खिसक गई...
नाजायज संबंध औनलाइन ज्यादा महफूज
सदियों से मर्दऔरतों में नाजायज संबंध बनते आए हैं. अब तो इस तरह के एप आ गए हैं, जहां औनलाइन डेटिंग की जा सकती है. इसे एक सुरक्षित तरीका बताया जाता है. क्या वाकई में ऐसा है?
कत्ल करने से पीछे नहीं हट रही पत्नियां
एक पारिवारिक झगड़े के मसले पर फैसला देते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की है कि \"बीते डेढ़ दशक में प्रेम प्रसंगों के चलते होने वाली हत्याओं की दर बढ़ी है, जिस से समाज पर बुरा असर पड़ा है. इस पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है.'
आसाराम का ढहता साम्राज्य
आसाराम के संदर्भ में आज का समय हमेशा याद रखने लायक हो गया है, क्योंकि धर्म के नाम पर अगर कोई यह समझेगा कि वह देश की जनता और कानून को ठेंगा बताता रहेगा, तो उस की हालत भी आसाराम बापू जैसी होनी तय है.
अडाणीजी यह राष्ट्रवाद क्या है ?
जिस तरह भारत के बड़े रुपएपैसे वाले, चाहे अडाणी हों या अंबानी की जायदाद बढ़ती चली जा रही है और दुनिया के सब से बड़े पूंजीपतियों की गिनती में इन को शुमार किया जाने लगा है, उस से यह संकेत मिलने लगा था कि कहीं न कहीं तो दो और दो पांच है.
सोशल मीडिया: 'पठान' के बहाने नफरती ट्रैंड का चलन
सुनामी चाहे कोई समुद्र उगले या कोई फिल्म, ज्वार का जोश ठंडा होने पर ही पता चलता है कि तबाही किस हद तक की थी. कुछ ऐसा ही महसूस हुआ फिल्म 'पठान' को ले कर.