कांग्रेस के बड़े नेता और अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' धीरेधीरे अपने उफान की तरफ है. जहां एक तरफ इस यात्रा से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी सकते में है, वहीं दूसरी तरफ देश के बड़ेबड़े विपक्षी नेताओं में भी बेचैनी साफ दिखाई दे रही है.
इस की मूल वजह यह है कि कांग्रेस से निकल कर या छोड़ कर गए नेता या कांग्रेस के विरोध में बनाई गई पार्टियां और उन के नेता यह चाहते हैं कि कांग्रेस हमेशा कमजोर रहे और उन्हें कांग्रेस की नहीं, बल्कि कांग्रेस को उन की दरकार बनी रहे. जब तक कांग्रेस कमजोर रहेगी, तब तक उन की हांड़ी की दाल पकती रहेगी और वे कभी भी प्रधानमंत्री तक बन सकते हैं.
यही वजह है कि ममता बनर्जी हों या शरद पवार या फिर नीतीश कुमार वे सब खुल कर 'भारत जोड़ो यात्रा' के समर्थन में नहीं आ रहे हैं, क्योंकि इस यात्रा से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को एक अनोखी औक्सीजन मिल रही है. लोग इस यात्रा की तरफ उम्मीदभरी निगाहों से देख रहे हैं.
Bu hikaye Saras Salil - Hindi dergisinin January Second 2023 sayısından alınmıştır.
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