उस दिन 22 अप्रैल, 2022 की तारीख थी और सुबह के 10 बज रहे थे. जिला न्यायालय, सोनीपत (हरियाणा) के अधिकांश वकील अपनेअपने चैंबर में आ चुके थे और उस दिन की मुकदमे की समरी अपनी डायरी खोल कर पढ़ रहे थे. उन वकीलों में एक नाम अमरीश कुमार का भी शुमार था.
उस दिन की तारीख में अमरीश कुमार के खास मुवक्किल वेदप्रकाश आंतिल की गवाही होनी थी. अदालत में उस की पत्नी कनिका की हत्या के मुकदमे की तारीख पड़ी थी. अदालत परिसर में मुकदमे से संबंधित गवाहों के नाम पुकार का समय होने वाला था, इसलिए अमरीश कुमार मुकदमे की फाइल पर सरसरी निगाह डाल अपने मुवक्किल वेदप्रकाश आंतिल को साथ ले कर कोर्ट की ओर निकले. परिसर मुवक्किलों और प्राइवेट गाड़ियों से भरा हुआ था.
एडवोकेट अमरीश कुमार तेज कदमों से आगे बढ़ रहे थे. उन के पीछेपीछे वेदप्रकाश भी चल रहा था. जैसे ही वह चैंबर से निकल कर कुछ दूर आगे बढ़ा था, अचानक से गोली चलने की आवाज आई. उसे ही निशाना साध कर किसी ने गोली चलाई थी. गोली उस के बहुत पास से हो कर एक कार के पिछले शीशे में जा धंसी थी.
अभी वेदप्रकाश कुछ समझ पाता, तब तक देखा 2 युवक सामने पिस्टल ताने खड़े थे. उन्होंने उस पर गोलियां दाग दीं. 2 गोलियां उस के सीने में जा धंसीं और वह घायल हो कर जमीन पर गिर कर तड़पने लगा.
गोलियों की आवाज सुन कर वकील अमरीश कुमार पलटे तो देखा उस के मुवक्किल को 2 युवक गोली मार कर बाइक से भाग रहे थे. उन्होंने हमलावरों की बाइक रोकने की कोशिश की, लेकिन वह रोक नहीं पाए. हमलावर उन पर भी पिस्टल ताने भीड़ को चीरते हुए वहां से निकल गए.
गोली चलते ही अदालत परिसर में अफरातफरी मच गई थी. लोग एकदूसरे से धक्कामुक्की करते हुए भाग रहे थे. फिलहाल गोली से घायल वेदप्रकाश को लादफांद कर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने देखते ही उसे मृत घोषित कर दिया था.
घटना की सूचना मिलते ही नवागत एसपी हिमांशु गर्ग, एएसपी निकिता खट्टर, डीएसपी विपिन कादियान और सिटी थाने के इंसपेक्टर वजीर सिंह घटनास्थल पर पहुंच कर मौके का जायजा लेने में व्यस्त हो गए थे.
Bu hikaye Satyakatha dergisinin August 2022 sayısından alınmıştır.
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