मालिश और स्नान से नवजात को बनाएं स्वस्थ और सुरक्षित
Sadhana Path|August 2024
मां बनना बेहद खास और सुरवद अहसास है। बच्चे के घर में आने से मां की दुनिया ही बदल जाती है। लेकिन इस बदलाव के साथ मां पर नन्हे शिशु की ढेर सारी चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियां भी आती हैं। नन्हे शिशु की सही देखभाल के साथ उसकी मालिश और स्नान कराना अपने आप में एक खास अनुभव है...
नीलम शुक्ला
मालिश और स्नान से नवजात को बनाएं स्वस्थ और सुरक्षित

बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए छोटी-छोटी बातों पर। ध्यान देकर उन्हें हर मुसीबत से बचाया जा सकता है। खासकर उनकी मालिश और नहलाने को लेकर खासी सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही नन्हे शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है, उसकी सही देखभाल और लालन पालन में सावधानी उसे मजबूत बनाती है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडिएट्रिक्स बच्चे को नहलाने के लिए ऐसी पद्धति की सलाह देती है, जो बच्चे की विभिन्न इंद्रियों के विकास में भी सहयोग करे। साथ ही नन्हे बच्चे के लिए मालिश और स्नान को आरामदायक और सुकूनभरा अहसास बनाने की कोशिश की जानी चाहिए। नहलाने के दौरान बच्चे से ज्यादा से ज्यादा बातचीत की जानी चाहिए।

मालिश बनाएगी मजबूत

बच्चा चूंकि मां की गर्भ में बंधा हुआ सा होता है अत: उसकी जोड़ों को खोलने के लिए और हड्डियों की मजबूती के लिए मालिश सबसे अहम है। अक्सर लोग मालिश के लिए दाई पर निर्भर रहते हैं पर कोशिश यही करें कि बच्चे के मालिश कोई रिश्तेदार जैसे दादी, नानी, बुआ या फिर मां ही करे। मां के हाथों का प्यार भरा स्पर्श बच्चे को सुरक्षा का अहसास दिलाता है। रोजाना बच्चे को नहलाने से पहले उसकी मालिश जरूर करनी चाहिए। मालिश से न केवल बच्चे के शरीर को आवश्यक पोषण मिलता है बल्कि उसके शरीर की कसरत भी होती है।

कैसे करें मालिश

Bu hikaye Sadhana Path dergisinin August 2024 sayısından alınmıştır.

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