हम सभी जीतना चाहते हैं- चाहे जिंदगी में हो या खेल में। टी20 विश्व कप फाइनल में टीम इंडिया की जीत हमें सफलता के कई बेहतरीन सबक सिखा सकती है। हारते-हारते कोई टीम जीत जाए तो उससे जिजीविषा, हौसला और दृढ़ संकल्प दिखाने के सबक सीखे जा सकते हैं। इसके विपरीत, जीतते-जीतते कोई टीम हार जाए तो उससे भी असावधानी, लापरवाही या अधूरी तैयारी से बचने के सबक सीखे जा सकते हैं।
टीम लीडर का काम सही निर्णय लेना है
सही निर्णय लेना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रायः सफलता या विफलता हमारे निर्णय पर ही निर्भर करती है।
जैसा लेरॉय एम्स ने कहा है, 'लीडर वह है जो दूसरों से ज़्यादा देखता है, दूसरों से ज़्यादा दूर तक देखता है और दूसरों से पहले देखता है।' टी20 फाइनल में रोहित शर्मा ने सच्चे लीडर की भूमिका निभाई।
संभवतः रोहित शर्मा का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय वह था जो उन्होंने तब लिया, जब दक्षिण अफ्रीका ने 4 विकेट पर 147 रन बना लिए थे और मैच एकतरफ़ा लग रहा था। जीतने के लिए दक्षिण अफ्रीका को 30 गेंदों में सिर्फ़ 30 रन चाहिए थे। जब 6 विकेट हाथ में हों और पिछले ही ओवर में 24 रन बने हों तो दक्षिण अफ्रीका की जीत महज़ औपचारिकता लग रही थी। 15 वें ओवर के बाद मिले ब्रेक में रोहित शर्मा को सोचने का मौक़ा मिला और उन्होंने स्पिनरों के बजाय तेज़ गेंदबाजों पर भरोसा करने का निर्णय लिया। 16वें ओवर में हार्दिक पंड्या ने क्लासन को आउट करके रोहित शर्मा के इस निर्णय को सही ठहराया। इस एक निर्णय से बहुत बड़ा फ़र्क पड़ा और भारत अंततः 7 रनों से मैच जीत गया।
परिस्थितियों के हिसाब से रणनीति बदलें
Bu hikaye Aha Zindagi dergisinin August 2024 sayısından alınmıştır.
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