सन 1895 में जब एक्स-रे की खोज हुई तब लोगों को लगा कि उन्होंने दुनिया की उस शक्ति को खोज लियो है जो किसी भी मनुष्य के अंदर झांक सकती है, और आंतरिक गतिविधियों को एक फिल्म पर उतार सकती है। कुछ ही समय में एक्स-रे की खोज चिकित्सा विज्ञान के लिए वरदान साबित हुई। आज आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का एक बड़ा हिस्सा है। एक्स-रे टेक्नोलॉजी पर टिका हुआ है।
उस समय लोगों में शरीर के अंदर झांकने की इस प्रक्रिया को लेकर इतनी ज्यादा उत्सुकता थी कि लोग अपने जूतों तक का साइज़ नापने के लिए एक्स-रे करवाते थे। मेलों में जादुई मशीन लगी होती थी, यह जानने के लिए नहीं कि आप क्या साथ लेकर जा रहे हैं बल्कि यह बताने के लिए कि आपके पास क्या हैं, हम एक जादुई मशीन से बता सकते हैं। यह एक्स-रे मशीन उस वक़्त लोगों को चकित करती थी। लोग अपने छोटे बच्चों का एक्स-रे सिर्फ़ इसलिए करवा लेते थे ताकि उसकी एक फोटो फ्रेम निकाल सके। मशीन से शरीर के अंदर झांकने यह प्रक्रिया अद्भुत तो थी मगर शरीर को इसकी क्या क़ीमत चुकानी पड़ेगी, यह तब पता चली, जब लोगों की त्वचा काली पड़ने लगी और चमड़ी उधड़ने लगी।
आज हम बात कर रहे हैं विकिरण की! यानी एक्स-रे और सीटी (Computed Tomography) मशीनों की, जो विकिरण पैदा करती हैं। क्या है विकिरण? साधारण शब्दों में विकिरण एक सघन ऊर्जा है, जिसे हम अक्सर तेज़ रोशनी भी कहते हैं जो आंखों से दिखाई नहीं देती। यही विकिरण हमारे एक्स-रे उतारता है।
विकिरण कहां, कब, कैसे?
सच कहें तो मानव विकास विकिरण के बिना संभव ही नहीं। मनुष्य का शारीरिक और मानसिक बदलाव विकिरण की ही बदौलत हो पाया। अर्थात, हम लगातार प्राकृतिक विकिरण के संपर्क में रह रहे हैं। शोध के अनुसार हमारा शरीर प्राकृतिक रूप के विकिरण के लिए हमेशा से तैयार रहा है और इसका हमारे शरीर पर कोई नुक़सान नहीं होता। इन्हें चंद बिंदुओं से समझा जा सकता है।
1) ब्रह्मांडीय विकिरण
धरती के आस-पास के ग्रहों और तारों से आने वाले विकिरण को ब्रह्मांडीय विकिरण कहा जाता है। ये धरती पर लगभग हर जगह मौजूद होते हैं।
2) धरती पर मौजूद विकिरण
Bu hikaye Aha Zindagi dergisinin August 2024 sayısından alınmıştır.
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बायो टेक्नोलॉजी चमत्कार कर रही है। सुनने में भारी-भरकम लगने वाली यह तकनीक उन्नत बीजों के विकास और उत्पादों का पोषण बढ़ाने के साथ हमारे आम जीवन में भी रच बस चुकी है। अब यह सटीक दवाओं और असली जैसे कृत्रिम अंगों के निर्माण से लेकर सुपर ह्यूमन विकसित करने सरीखी फंतासियों को साकार करने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रही है।
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