कई दिनों से सुप्रीम कोर्ट में सेम सैक्स मैरिज को लीगल किए जाने पर बहस चल रही थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्तूबर को यह कहते हुए रिजैक्ट कर दिया कि इस पर कानून बनाना संसद पर निर्भर है. 5 जजों की बैंच के इस फैसले से एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी को निराशा हाथ लगी.
लाइवस्ट्रीम की गई कोर्ट की कार्यवाही को हजारों की संख्या में लोग लाइव देख रहे थे. इस उम्मीद के साथ कि शायद यह एक ऐतिहासिक पल हो. कई लोग सुप्रीम कोर्ट के बाहर इकट्ठा हो कर इस फैसले का इंतजार कर रहे थे. सब फोन की स्क्रीन पर आंखें गड़ाए सुप्रीम कोर्ट के पैनल की एकएक बात पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.
निराशा की लहर उस वक्त एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी के बीच दौड़ने लगी जब मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सेम सैक्स मैरिज पर हमें कितनी दूर तक जाना चाहिए, इस पर न्यायाधीशों के बीच असहमति बनी हुई है.
उन का कहना था, 'विवाह पर कानून तय करना संसद और राज्य विधानसभाओं के क्षेत्र में आता है और अदालत कानून नहीं बना सकती.' 6 महीने से कोर्ट में चल रही इस सुनवाई के इस तरह खत्म किए जाने पर एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी अलगअलग प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा है. कई बहुत निराश हैं तो कई इसे एक शुरुआत मानते हैं.
Bu hikaye Mukta dergisinin November 2023 sayısından alınmıştır.
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