सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स अपने घर, कार, कपड़ों और वि लाइफस्टाइल को ले कर जो कुछ बताते या दिखाते हैं उस में अधिकतर फर्जी और झूठ होता है. हाल ही में एल्विश यादव जहरीले सांपों की तस्करी के मामले में जेल हो कर आया. इस बीच उस के पिता अवतार सिंह ने बताया कि कार से ले कर घर तक जो भी दिखाता आया है वह सब रेंटेड है. अब इसे इनफ्लुएंसर्स का अपने फलोअर्स को धोखे में रखना नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे.
* भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने यातायात अवेयरनेस को ले कर सोशल मीडिया में एक मीम पोस्ट किया, जिस में एक सजीधजी और मेकअप की हुई मौडर्न महिला गाड़ी चलाते दिखाई देती है. उस की कार के आगे एक व्यक्ति गिरा हुआ है और दूसरे का लगभग ऐक्सिडेंट होने वाला है. इस मैसेज के कैप्शन में लिखा हुआ है- " एक चतुर नार कर के सिंगार, गलत लेन में घुसत जात, हम मरत जात, हे हे हे..." अब इस का मतलब क्या यह नहीं निकलता कि लड़कों के मुकाबले लड़कियां गलत गाड़ियां चलाती हैं? या यह भी कि महिलाओं को किसी भी तरह की स्टेयरिंग अपने हाथ में नहीं लेनी चाहिए?
* हाल में सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर उर्फी जावेद ने एक ऐसी ड्रैस पहनी जिसे ड्रैस कम स्विमिंग पूल में प्लास्टिक का बाथ टब ज्यादा कहना चाहिए. इस ड्रैस को पहनाने में 3-4 लोगों की हैल्प लेनी पड़ी. इतनी वाहियात और बेतरतीब कि पहनने में परेशानी अलग हो. यह वायरल होने के तिकड़म नहीं तो क्या हैं?
Bu hikaye Mukta dergisinin April 2024 sayısından alınmıştır.
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बौडी लैंग्वेज से बनाएं फ्रैंडली कनैक्शंस
बौडी लैंग्वेज यानी हावभाव एक तरह की शारीरिक भाषा है जिस में शब्द तो नहीं होते लेकिन अपनी बात कह दी जाती है. यह भाषा क्या है, कैसे पढ़ी जा सकती है, जानें आप भी.
औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा
दीवाली के मौके पर सट्टा खूब खेला जाता है, इसे धन के आने का संकेत माना औनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं. मटकों और जुआखानों की युवा जाता है. जगह आज औनलाइन सट्टेबाजी ने ले ली है, जो युवा पीढ़ी को बरबाद कर रही है.
सोशल मीडिया डिटॉक्स जरूरी
युवाओं के जीवन में सोशल मीडिया हद से ज्यादा हावी होने लगा है. उन में इस का एक तरह से एडिक्शन सा हो गया है. ऐसे में जरूरी है समयसमय पर इस से डिटोक्स होने की.
दीवाली नोस्टेलजिया से बचें
कई लोग ऐसे होते हैं जो फैस्टिव नोस्टेलजिया में फंसे रहते हैं और अपना आज खराब कर रहे होते हैं जबकि समझने की जरूरत है कि समय जब बदलता है तो उस के साथ नजरिया और चीजें भी बदलती हैं.
सिर्फ ट्रैंडिग चेहरा बन कर रह गईं कुशा कपिला
इन्फ्लुएंसर कुशा कपिला ऐक्टिंग कैरियर के शुरुआती दौर में हैं. कुछ प्रोजैक्ट मिल चुके हैं लेकिन याद रखने लायक कोई भूमिका नजर नहीं आई. जरूरी है कि वे अपनी सोशल मीडिया की एकरूपता वाली आदत को छोड़ें.
कूड़े का ढेर हो गया है सोशल मीडिया
सोशल मीडिया कूड़े का ढेर जैसा है, जहां अपने मतलब की या सही जानकारी जुटाने के लिए काफी जद्दोजेहद करनी पड़ती है क्योंकि यहां बैठे इन्फ्लुएंसर्स और न्यूज फीडर बिना संपादन के कुछ भी झूठसच ठेलते रहते हैं.
इयरफोन का यूज सही या गलत
इयरफोन को हम ने अपने जीवन में कुछ इस तरह जगह दे दी है कि आसपास क्या चल रहा है, हमें खबर ही नहीं होती. मानो हर किसी की अपनी एक अलग दुनिया हो, जिस में वह और उस का यह गैजेट हो और कोई नहीं.
औनलाइन ट्रैप में फंसती लड़कियां
औनलाइन डेटिंग और सोशल मीडिया ने युवाओं को एकदूसरे से जुड़ने के नए तरीके दिए हैं, लेकिन इस के साथ ही उन के फ्रौड के शिकार होने के खतरे भी बढ़ गए हैं. पढ़ीलिखी लड़कियां भी मीठी बातों में फंस कर अपने सपनों और भावनाओं के साथसाथ आर्थिक नुकसान भी उठा रही हैं.
सैल्फमेड ऐक्ट्रैस अलाया एफ
बौलीवुड में अलाया का ताल्लुक भले फिल्मी परिवार से रहा लेकिन काम को ले कर चर्चा उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हासिल की. उन्हें भले स्टार वाली सफलता अभी हासिल न हुई पर उन के हिस्से में कुछ अच्छी फिल्में जरूर आई हैं.
इस दीवाली कुछ क्रिएटिव तरीके से करें विश
दीवाली पर वही पुराने व्हाट्सऐप फौरवर्ड मैसेजेस पढ़ कर या भेज कर यदि आप बोर हो चुके हैं तो थोड़ी सी क्रिएटिविटी कर आप इसे इंट्रेस्टिंग बना सकते हैं और वाहवाही लूट सकते हैं. कैसे, जानिए.