![सोशल मीडिया में धर्मप्रचारकों के टारगेट में युवतियां सोशल मीडिया में धर्मप्रचारकों के टारगेट में युवतियां](https://cdn.magzter.com/1338807038/1716362933/articles/LUkxzetZQ1716373666250/1716373858933.jpg)
घर की तरफ जाते वक्त एक छोटे से पार्क में श्रीमद्भागवत गीता का पाठ चल रहा था. उस की आवाजें काफी दूर तक सुनाई दे रही थीं. करीब 3-4 दिन हुए होंगे, रोजाना वहां आतेजाते जो लोग दिखाई देते थे उन में अधिकतर महिलाएं और उन के साथ जाती युवतियां ही होती थीं. उन्हें देख कर यह पता लगाया जा सकता था कि वे मिडिल क्लास, लोअर मिडिल क्लास और लोअर क्लास की महिलाएं रही होंगी, जिन्हें शायद घर की जिम्मेदारियों के अलावा कुछ सोचनासमझना सिखाया नहीं जाता.
भक्ति मार्ग को उन के और उन के परिवार की सफलता के लिए आवश्यक पाठ की घुट्टी के रूप में पिला दिया जाता है, जिस के बाद वे महिलाएं अपने विवेक का सहारा लिए बिना धर्मांध हो कर इस तरह के धार्मिक समारोहों की सब से बड़ी प्रतिभागी बन जाती हैं, जिस का खुले रूप से फायदा उठाया जाता है. इन समारोहों में कथावाचक, धर्मगुरुओं और धर्मप्रचारक बने बाबाओं द्वारा.
सौफ्ट टारगेट हैं महिलाएं
कथावाचक, धर्मगुरु, धर्मप्रचारक कहे जाने वाले इन बाबाओं का एक बड़ा नंबर भारत में तैयार है जो 21वीं सदी में जी रहे भारत को 5,000 साल पुरानी परंपराओं की तरफ धकेलने में लगे हैं.
विश्व के देशों में विज्ञान मानव की फिजिकल (रोबोट) और वर्चुअल रैप्लिका तैयार करने में लगा है जबकि भारत में धर्मगुरु अध्यात्म का सहारा ले कर यूट्यूब और रील्स में प्रवचन करते हुए इस की हिंदू और सनातनी कही जाने वाली आबादी को पीछे धकेलने की साजिश में व्यस्त हैं. इस के लिए वे महिलाओं और युवतियों को टारगेट कर रहे हैं. उन्हें वे धर्म, परंपराओं, परिवार और स्त्री कर्तव्य के पाठ तोड़मरोड़ कर पढ़ा रहे हैं और उन का ब्रेनवाश कर रहे हैं. अपने इस कुटिल मकसद के लिए वे टीवी चैनलों, फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया का बखूबी फायदा उठा रहे हैं.
आप इन के यूट्यूब चैनल्स देखिए, अधिकतर थंबनेल महिलाओं और उन के कर्तव्यों को ले कर ही तैयार किए जाते हैं. महिलाएं ये न करें, महिलाएं वह न करें, ऐसा करेंगी तो घर में खुशहाली रहेगी, वैसा करेंगी तो धन का नाश होगा वगैरहवगैरह. महिलाओं को ये सौफ्ट टारगेट के रूप में इस्तेमाल करते हैं जबकि पुरुषों के लिए उन के पास गिनेचुने आदेश और सजेशंस ही होते हैं.
निराले कथावाचक
Bu hikaye Mukta dergisinin May 2024 sayısından alınmıştır.
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बकलोल से बेफकूफ बनाते फिनफ्लुएंसर्स
सोशल मीडिया पर दर्जनों फाइनैंस इन्फ्लुएंसर्स भरे पड़े हैं. सब एक से बढ़ कर एक अपने सब्सक्राइबर्स को अमीर बनने के तरीके बता रहे हैं, हैरानी यह है कि अपने तरीकों से ये खुद अमीर नहीं बन पा रहे हैं, फिर यह फालतू गप्प हांकने का क्या मतलब?
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आस्ट्रेलिया में टीनएजर्स के लिए सोशल मीडिया बैन
आस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के टीनएजर्स के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर रोक लगी है. यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब दुनियाभर में युवा और टीनएजर्स इस की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं.
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यंग गर्ल्स के लिए सैक्सी फील करना गलत नहीं
क्यों हमारे समाज को रिवीलिंग कपड़े पहनने वाली, लेटनाइट पार्टीज में जाने वाली, अपनी सैक्स डिजायर को एक्स्प्रेस करने वाली लड़कियां बदचलन, गलत मानी जाती हैं और दबी, ढकी, डरीसहमी, हां में हां मिलाने वाली, नजरें नीचे रखने वाली लड़की सही मानी जाती है?
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धर्म को व्यापार बनाती बाल कथावाचकों की फौज
बाल कथावाचकों की सोशल मीडिया पर लंबी चौड़ी भीड़ खड़ी हो गई है, सारी जद्दोजेहद फौलोअर्स और सब्सक्राइबर्स पाने की है. जिस उम्र में इन्हें स्कूल में होना चाहिए, हाथों में किताबकौपी व कलम होनी चाहिए, वहां इस तरह का धर्मांध ढोंग करने की प्रेरणा इन्हें मिल कहां से रही है, जानिए.
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क्वीन ऑफ हार्ट्स अनुष्का सेन
ग्लोबल पहचान हासिल कर चुकीं टैलेंटेड अदाकारा अनुष्का सेन ने इंटरनैशनल रिश्तों को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाई है. टीवी, सोशल मीडिया और बौलीवुड तीनों में उन्होंने अपनी अदाओं के जलवे बिखेरे हैं.
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वायरल होने के चंगुल में फंसी जर्नलिज्म
खबर की तह में जाना अब लगभग खत्म हो चुका है. जो खबरें आती हैं वे सिर्फ सोशल मीडिया के माध्यम से आती हैं जिस के चलते पत्रकार भी उसी पर निर्भर रहते हैं. इस का असर ऐसा होने लगा है कि पत्रकार भी सोशल मीडिया में वायरल हो जाने के लिए खबरें बना रहे हैं.
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हसीनाओं के लीक सैक्स वीडियोज
आएदिन किसी न किसी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का प्राइवेट वीडियो लीक हो जाता है और उस के बाद वह रातोंरात सुर्खियों में आ जाता हैं, ये लोग सुर्खियों में आते भी इसलिए हैं क्योंकि युवा इन्हें रातदिन देखतें हैं, जिस से इन की फैन फोलोइंग लाखों करोड़ों में हो जाती है और वायरल होने के लिए वे किसी भी हद तक गुजर जाते हैं.
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सोशल मीडिया माफिया के सहारे ट्रंप की नैया पार
अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के विश्लेषणों में सोशल मीडिया में उपजे उन माफिया इन्फ्लुएंसर्स की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता जिन्होंने किसी को जिताने तो किसी को हराने की सुपारी ली होती है.
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बौडी लैंग्वेज से बनाएं फ्रैंडली कनैक्शंस
बौडी लैंग्वेज यानी हावभाव एक तरह की शारीरिक भाषा है जिस में शब्द तो नहीं होते लेकिन अपनी बात कह दी जाती है. यह भाषा क्या है, कैसे पढ़ी जा सकती है, जानें आप भी.
![औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1878607/_MVBf3S8i1730811563061/1730811896381.jpg)
औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा
दीवाली के मौके पर सट्टा खूब खेला जाता है, इसे धन के आने का संकेत माना औनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं. मटकों और जुआखानों की युवा जाता है. जगह आज औनलाइन सट्टेबाजी ने ले ली है, जो युवा पीढ़ी को बरबाद कर रही है.