अकसर आप ने सोशल मीडिया या रील में देखा होगा कि विदेश में कुछ लोग अपने सिर व आंखों के आगे एक तरह का बौक्स पहन लेते हैं. उन के हाथों में रिमोट होता है और वे कुछ ऐक्शन कर रहे होते हैं. कुछ तो ऐक्शन करते हुए गिर जाते हैं, कुछ घबरा जाते हैं और कुछ ऐसे बिहेव करते हैं जैसे वे किसी से लड़ रहे हैं. बीट सेबर, हिटमैन और स्टार वार गेम इस के अच्छे उदाहरण हैं.
दरअसल, ये लोग भी एक तरह का गेम खेल रहे होते हैं और वे खुद भी उस गेम का पार्ट बन जाते हैं. जैसे रोलर कोस्टर पर राइड करते हुए लोग महसूस करते हैं कि वे गिर रहे हैं, ठीक वैसे ही जब आंखों के आगे हैडसैट पहना हो और रोलर कोस्टर जैसा कोई गेम चल रहा हो तो आप भले समतल जमीन पर हों, घर पर हों या किसी पार्क में हों, आप को लगेगा कि आप रोलर कोस्टर राइड ले रहे हैं. यही वर्चुअल रियलिटी है.
वर्चुअल रियलिटी यानी आभासी दुनिया, जिस के दिखाई देने का एहसास तो होता है पर असली दुनिया में वह है नहीं. मौडर्न होती तकनीक दिनबदिन दुनिया को आश्चर्यचकित कर रही है. लोगों का ऐसी दुनिया की तरफ खिंचाव बढ़ रहा है जो हकीकत में है ही नहीं और इसका यूज एजुकेशन, हैल्थ, बिजनैस से ले कर एंटरटेनमैट तक में किया जा रहा है.
अखिर क्या है वर्चुअल रियलिटी
वर्चुअल रियलिटी (वीआर) एक कंप्यूटराइज्ड एनवायरमैंट आप के सामने परोसता है, जिस में दिखाई देने वाली चीजें असली सी लगती हैं, बिल्कुल वैसे जैसे आप कोई 3डी मूवी देख रहे हों. बस, फर्क यह है कि इस में आप भी उस का एक हिस्सा होते हैं. इसे आसान भाषा में समझिए तो, मानो आप को किसी ने कंप्यूटर की दुनिया में डाल दिया हो और आप भी उस का हिस्सा हो गए हों. इस दुनिया को वर्चुअल रियलिटी हैडसैट या हैलमैट की मदद से पेश किया जाता है, जो किसी चश्मे की तरह दिखाई देता है, जिसे वीआर हैडसैट कहा जाता है. हैडसैट में एडवांस आवाज, आंख या सिर के मोशन को ट्रैक करने वाले सैंसर या कैमरे लगे होते हैं.
Bu hikaye Mukta dergisinin May 2024 sayısından alınmıştır.
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