हमारे देश में सोशल मीडिया पर रील्स देखने का शौक तेजी से बढ़ता जा रहा है. देश का एक बड़ा हिस्सा अपना समय इसी में गुजार रहा है. रील्स देखने के शौक ने पढ़ाई, कैरियर और बिजनैस को प्रभावित किया है..
युवा अखबारों, किताबों और पत्रिकाओं को पढ़ना छोड़ रहे हैं. पुस्तकालय खाली हैं, तमाम बंद हो गए हैं. हालत यह हो गई है कि तमाम युवा रील्स बनाने में ही अपना कैरियर देखने लगे हैं.
युवाओं को लगता है कि रील्स बना कर पैसा कमाया जा सकता है. मजबूरी यह है कि केवल रील्स बनाने से काम नहीं चलता है. जरूरी यह होता है कि रील्स वायरल हो. जब रील वायरल होगी तब उन के फौलोअर्स बढ़ेंगे. उन की पहचान इन्फ्लुएंसर के रूप में होगी. इन्फ्लुएंसर बनने के बाद ही कमाई के रास्ते खुलेंगे.. अब युवा इस फिराक में रहते हैं कि किस तरह से उन की रील वायरल हो जाए. वायरल होने का यह गणित ही जीवन को संकट में डाल रहा है.
स्टंटबाजी का जोखिम
हाल के दिनों में कई इन्फ्लुएंसर्स को बिग बौस या दूसरे चैनलों पर दिखने का मौका मिला. यहां से इन को फिल्म और सोशल मीडिया पर पहचान मिलने लगी है. ऐसे में इन की देखादेखी दूसरे युवा भी इस प्रयास में लग गए. सोशल मीडिया पर रील देखने वाले या तो सैक्सी कंटैंट देखते हैं या भोंडा मजाक पसंद करते हैं. इस में लड़कियों को सफलता जल्दी मिल जाती है. जहां तक लड़कों का सवाल है, उन की रील कम लोग देखते हैं. लड़कों में सब से ज्यादा रील स्टंटबाजी की देखी जाती है.
अब लड़के इस बात को समझते हैं. वे ज्यादा से ज्यादा स्टंट करने लगे हैं. रेलवे लाइन, नदी, झरना जैसी खतरनाक जगहों पर वीडिया शूट करते हैं. कई बार रेल और चलती गाड़ियों पर भी वीडियो बनाते हैं. ये लोग ऐक्शन फिल्मों के सीन देख कर उन्हें करने का प्रयास करते हैं. उन को यह समझ नहीं आता कि फिल्मों में इस तरह के सीन सुरक्षा के साथ अलग तरह से फिल्माए जाते हैं. इन को बिना सुरक्षा के शूट करना खतरनाक होता है. रील को वायरल होने की चाहत जान की दुश्मन बनती जा रही है.
Bu hikaye Mukta dergisinin August 2024 sayısından alınmıştır.
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