कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी राजनीति के चक्रव्यूह में फंसे हुए नजर आ रहे हैं. मानहानि के एक मामले में सूरत की एक अदालत ने उन्हें दो साल की सजा व 15 हजार रूपयों का जुर्माना सुनाया था. हालांकि अदालत ने उसी समय राहुल गांधी की जमानत लेते हुए उन्हें एक महीने में ऊपरी अदालत में अपील करने का समय दिया था. निचली अदालत के इस फैसले को आधार बनाकर लोकसभा ने राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त कर दी. राहुल गांधी को अपने बचाव में ऊपरी अदालत में अपील करनी होगी तभी वह जेल जाने से बच सकेंगे एवं उनकी संसद की सदस्यता भी बच पाएगी.
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है. चाहे वह ललित मोदी, नीरव मोदी हो या नरेंद्र मोदी हो. इसको लेकर सूरत पश्चिम के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस करते हुए कहा था कि राहुल गांधी ने हमारे पूरे समाज को चोर कहा है और यह हमारे समाज की मानहानि है. इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार सूरत कोर्ट में पेश होकर खुद को निर्दोष बताया था. इसी मामले में सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एस वर्मा की कोर्ट ने राहुल गांधी को भारतीय दंड विधान की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया. मगर इसके साथ ही उन्हें जमानत देते हुए 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया था. ताकि उन्हें हाई कोर्ट में अपील करने का मौका मिल सके.
सूरत कोर्ट द्वारा राहुल गांधी को सजा सुनाने के 26 घंटे बाद ही लोकसभा ने उन्हें सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिया है. यदि लोकसभा अध्यक्ष चाहते तो उन्हें ऊपरी अदालत के निर्णय होने तक संसद सदस्य रखा जा सकता था. मगर सरकार के दबाव में अति शीघ्रता में उनकी सदस्यता रद्द कर दी गयी है. कोर्ट के निर्णय से राहुल गांधी चौतरफा घिर गए हैं. उन्हें शीघ्र ही गुजरात हाई कोर्ट में अपील कर अपना पक्ष रखना होगा. यदि राहुल गांधी को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिलती है तो अगले आठ साल तक वह चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाएंगे.
Bu hikaye Gambhir Samachar dergisinin April 01, 2023 sayısından alınmıştır.
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अब 'वायनाड' का क्या होगा?
केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सदस्य रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद अब बड़ा सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग इस सीट पर जल्द ही उपचुनाव करवा सकता है? जानकारों का कहना है कि उपचुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयोग हर कानूनी पहलू को देखेगा और राहुल गांधी के अगले कदम पर भी आयोग की नजर रहेगी. राहुल गांधी की ओर से जल्द ही ऊपरी अदालत में अपील की जा सकती है. वहीं, चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार राहुल के अयोग्य घोषित होने के बाद वायनाड सीट पर उपचुनाव कराने से पहले तमाम पहलुओं की समीक्षा की जाएगी. आयोग के सूत्रों के अनुसार पहले से तय गाइडलाइंस के अनुरूप जो नियम हैं, उनके तहत आयोग कार्रवाई करेगा. नियम के अनुसार, खाली सीट को 6 महीने के अंदर भरना होता है. सूत्रों के अनुसार, इस बार आयोग कोई फैसला लेने से पहले तमाम कानूनी पहलुओं और घटनाक्रमों की समीक्षा करेगा. दरअसल, इसी साल आयोग अपने ही कुछ फैसलों से कानूनी अड़चनों में फंसा रहा.
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