यह जून महीने की एक तपती सुबह है. दो दर्जन से अधिक बच्चे एनएच-31 पर डुमर पुल के नीचे बरंडी नदी में तैरना सीख रहे हैं. नदी में बांसबल्लियों का घेरा बनाकर उसे चारों तरफ जाल से घेर दिया गया है. इन बच्चों के तैराकी प्रशिक्षण का यह दूसरा दिन है. कटिहार जिले की मखदमपुर पंचायत में चल रहे इस तैराकी प्रशिक्षण शिविर का यह दूसरा बैच है. पहले बैच में 30 बच्चे तैराकी, डूबते लोगों को बचाने और उन्हें प्राथमिक उपचार देना सीख चुके हैं.
नदी किनारे बैठकर इस प्रशिक्षण को देख रहे नंदग्राम जरलाही गांव के सुधीर कुमार महलदार कहते हैं, "इस बैच में मेरा बच्चा भी सीख रहा है, 11 साल का है. अब जो बच्चा सब हेलना (तैरना) सीख गया है तो अब नदी में डूबने का डर नहीं रहेगा. ट्रेनर लोग कहते हैं, ई बचवा सब एतना ट्रेन्ड हो गया है कि कोई डूबा भी तो ई लोग बचा लेगा."
बरंडी नदी के इस घाट पर बच्चों को तैरना सीखता देखकर सहज ही जाने-माने गांधीवादी पर्यावरणविद् अनुपम मिश्र का वह बहुचर्चित आलेख याद आता है, जिसका शीर्षक है, "तैरने वाला समाज डूब रहा है." यह आलेख उन्होंने 2004 में बिहार में आई भीषण बाढ़ के संदर्भ में लिखा था. आलेख में उन्होंने कहा था कि अगर बिहार के लोग हर साल बाढ़ में डूबते हैं, तो उसकी एक वजह यहां के लोगों का नदियों से सहज रिश्ता खत्म होना है. कभी यहां के लोग हिमालय से उतरने वाली नदियों-जलधाराओं और तालाबों में तैरते थे, अठखेलियां करते थे. आज उन्होंने खुद को नदियों से काट लिया है जिसकी वजह से डूबकर जान गंवाने वालों की संख्या भी बढ़ गई है.
इस आलेख की प्रेरणा मानें या राज्य में डूबने से होने वाली मौतों के बढ़ते आंकड़ों का असर, बिहार में छह से 18 साल के बीच की उम्र के बच्चों को तैराकी सिखाने का यह अभियान इस समय जोर पर है. बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार (बीएसडीएमए) ने 2019 में सुरक्षित तैराकी अभियान शुरू किया था. हालांकि 2021 तक कोरोना की वजह से यह अभियान जोर नहीं पकड़ पाया. मगर 2022 और 2023 में इसे अच्छी सफलता मिली है. इस साल तक 1,032 बच्चों को तैराकी सिखाई जा चुकी है जबकि बीते साल यह संख्या 1,320 थी.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin June 28, 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin June 28, 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.