वश्मीरी नेताओं को बेहद लंबा इंतजार करना पड़ा. उनकी सियासी जीवनचर्या निस्तब्ध और निष्क्रिय हो गई थी. चुनावी सरगर्मियां देखे करीब एक दशक बीत गया था. आठ साल से नियमित सरकार नहीं थी. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद तो इसका राज्य का दर्जा खत्म होने और इसके दो हिस्सों में बंटने से सार्वजनिक जीवन में गहरा ठहराव आ गया था. 2008 से 2014 तक मुख्यमंत्री रहे उमर अब्दुल्ला उन लोगों में थे जिन्होंने और भी ज्यादा प्रतिकूल स्थितियों का सामना कियाकोविड-19 के बीच असामान्य रूप से अलगथलग किए जाने से उनकी सारी गतिविधियां घरों तक सीमित हो गईं. उसे पूर्ण राजनैतिक लॉकडाउन कहना गलत नहीं होगा.
बहरहाल, 2024 बदलाव का साल बनकर आया. सबसे पहले, अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव हुए, फिर अक्तूबर में बहुप्रतीक्षित विधानसभा चुनाव कराए गए. इसके साथ जनजीवन सामान्य पटरी पर लौटने लगा; सियासी सक्रियता के मौसम ने कश्मीरी नेताओं को एक बार फिर पूरी तरह व्यस्त कर दिया. सियासी वार्ताओं, गठबंधन की जोड़-तोड़ के बीच मतदान आते-आते हर स्तर पर व्यस्तता बढ़ने के साथ एक शख्स अन्य की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली बनकर उभरा क्षेत्र में शेरए-कश्मीर का रुतबा रखने वाले राजनेता के पोते उमर ने 232 दिनों की नजरबंदी और विपक्षी राजनीति की आम आवाज होने की वजह से अपनी प्रतिष्ठा काफी बढ़ा ली.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin January 08, 2025 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin January 08, 2025 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
फिर उसी बुलंदी पर
वनडे विश्व कप के फाइनल में चौंकाने वाली हार के महज सात महीने बाद भारत ने जबरदस्त वापसी की और जून 2024 में टी20 विश्व कप जीतकर क्रिकेट की बुलंदियों एक को छुआ
आखिरकार आया अस्तित्व में
यह एक भूभाग पर हिंदू समाज के स्वामित्व का प्रतीक था. इसके निर्माण से भक्तों को एक तरह की परिपूर्णता और उल्लास की अनुभूति हुई. अलग-अलग लोगों के लिए राम मंदिर के अलग-अलग अर्थ रहे हैं और उसमें आधुनिक भारत की सभी तरह की जटिलताओं- पेचीदगियों की झलक देखी जा सकती है
बंगाल विजयनी
केवल आर. जी. कर और संदेशखाली घटनाक्रमों को गिनेंगे तो लगेगा कि 2024 ममता बनर्जी के लिए सबसे मुश्किल साल था, मगर चुनावी नतीजों का संदेश तो कुछ और ही
सत्ता पर काबिज रहने की कला
सियासी माहौल कब किस करवट बैठने के लिए मुफीद है, यह नीतीश कुमार से बेहतर शायद ही कोई जानता हो. इसी क्षमता ने उन्हें मोदी 3.0 में एक मजबूत स्तंभ के तौर पर स्थापित किया
शेरदिल सियासतदां
विधानसभा चुनाव में शानदार जीत ने न केवल उनकी पार्टी बल्कि कश्मीर का भी लंबा सियासी इंतजार खत्म कराया. मगर उमर अब्दुल्ला को कई कड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ रहा—उन्हें व की बड़ी उम्मीदों पर खरा उतरना है, तो जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलने तक केंद्र से जूझना भी है
शूटिंग क्वीन
मनु भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में बदलाव की शानदार पटकथा लिखी. अटूट इच्छाशक्ति से अतीत की निराशा को पीछे छोड़कर उन्होंने अपना भाग्य गढ़ा
नया सितारा पॉप का
दुनियाभर के विभिन्न मंचों पर धूम मचाने से लेकर भाषाई बंधन तोड़ने और पंजाबी गौरव का परचम फिर बुलंद करने तक, दिलजीत दोसांझ ने साबित कर दिया कि एक सच्चा कलाकार किसी भी सीमा और शैली से परे होता है
बातें दिल्ली के व्यंजनों की
एकेडमिक, इतिहासकार और देश के सबसे पसंदीदा खानपान लेखकों में से एक पुष्पेश पंत की ताजा किताब फ्रॉम द किंग्ज टेबल टु स्ट्रीट फूड: अ फूड हिस्ट्री ऑफ देहली में है राजधानी के स्वाद के धरोहर की गहरी पड़ताल
दो ने मिलकर बदला खेल
हेमंत और कल्पना सोरेन ने झारखंड के राजनैतिक खेल को पलटते हुए अपनी लगभग हार की स्थिति को एक असाधारण वापसी में बदल डाला
बवंडर के बीच बगूला
आप के मुखिया के लिए यह खासे नाटकीय घटनाक्रम वाला साल रहा, जिसमें उनका जेल जाना भी शामिल था. अब जब पार्टी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए दिल्ली पर राज करने की निर्णायक लड़ाई लड़ रही, सारी नजरें उन्हीं पर टिकीं