मगर संगठन से जुड़े कदमों की हलचल भरी घोषणाओं के बावजूद उसकी रणनीति के केंद्र में खाली एक शून्य छोड़ दिया गया है. वह है नेतृत्व का सवाल. इसके इर्द-गिर्द अनिर्णय में चक्कर लगाते हुए पार्टी इस साल के आखिर में कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दूसरी जीत हासिल करने से रोकने के लिए वह सब कर रही है जो सकती है. पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने 16 जुलाई को जयपुर में कार्यकर्ताओं की रैली को संबोधित किया. यह तीन हफ्तों से कम वक्त में उनकी दूसरी रैली थी. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष बीकानेर, उदयपुर और सवाई माधोपुर में कार्यक्रमों में शामिल रहे.
इसी के साथ, भाजपा दिसंबर में होने वाले चुनावी मुकाबले के सुर-ताल दुरुस्त कर रही है. गहलोत सरकार को टक्कर देना उसकी रणनीति के केंद्र में सबसे आगे है. तंज भरा प्रचार गीत 'गहलोत जी, कोनी मिले वोट जी' चारों तरफ छाया है. जब नड्डा जयपुर की रैली को संबोधित कर रहे थे, 'नहीं सहेगा राजस्थान' नारा सारे दिन सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता रहा. वहीं मोदी ने 8 जुलाई को अपनी बीकानेर रैली में राहुल गांधी की एक पंक्ति को अदलबदलकर कांग्रेस की हुकूमत को 'लूट की दुकान और 'झूठ का बाजार' करार दिया.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 02, 2023 sayısından alınmıştır.
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परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.
निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.